भाकपा-माले कर्नाटक के आवाम को जनविरोधी और विभाजनकारी भाजपा तथा संघ परिवार की साजिशों को दो-टूक शिकस्त देने के लिए मुबारकबाद देती है. इस जीत ने आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के पतन का रास्ता खोल दिया है।
कर्नाटक के चुनाव परिणाम पर भाकपा (माले) लिबरेशन के कर्नाटक स्टेट कमेटी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि कर्नाटक के आवाम का जनादेश भाजपा सरकार के अभूतपूर्व भ्रष्टाचार, बढ़ती कीमतों व जीने का खर्च, चरमराते बुनियादी ढांचे, किसान और मजदूर विरोधी कानूनों, आसमान छूती बेरोजगारी ,राज्य की अपंग होती अर्थव्यवस्था, महिलाओं व उनकी स्वायत्तता के खिलाफ हिंसा, बढ़ते जातिगत अत्याचार, सांप्रदायिक वैमनस्य, मजहबी नफरत और कट्टरता के खिलाफ उनकी आवाज है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की तैनाती कर राज्य भर में बड़े पैमाने पर रोड शो और जनसभाएं करने के बावजूद भाजपा को मिली करारी हार इस बात का संकेत है कि ब्रांड मोदी अभेद्य नहीं है. हेट स्पीच, आदर्श आचार चुनाव संहिता , चुनाव प्रचार की समयसीमा के उल्लंघन के मामलों में अप्रभावी चुनाव आयोग द्वारा करवाई न करना राज्य की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अनदेखी करना है।
इस चुनाव में मौजूदा भाजपा सरकार के कई मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा .खासतौर से स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर की हार जो कोविड-19 संकट के दौरान राज्य राज्य में व्याप्त घोर कुप्रबंधन के जिम्मेदार रहे हैं व राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश जिन्होंने अन्यायपूर्ण हिजाब प्रतिबंध लागू किया और मुस्लिम छात्राओं को अपमानित किया और उन्हें शिक्षा से वंचित रखा तथा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सीटी रवि की हार भाजपा के जहरीले सांप्रदायिक एजेंडे को जनता द्वारा खारिज करना है।
केआर पुरा और कनकगिरी निर्वाचन क्षेत्रों में भाकपा माले द्वारा गहन कामकाज किये जाने के बाबजूद भी पार्टी ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया है. इसकी आवश्यक समीक्षा कर पार्टी कामकाज का और सुधार किया जाएगा. भाकपा माले भाजपा के फासीवादी हमले के खिलाफ सड़कों पर जनता की आवाज उठाना जारी रखेगी . साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगी कि आने वाली सरकार जनता के जनादेश का पालन करे और अपने चुनावी वादों को पूरा करे।
भाकपा माले कर्नाटक के लोगों को “भाजपा हराओ, कर्नाटक बचाओ” के नारे का साथ देने और दो निर्वाचन क्षेत्रों में वोट देने के लिए शुक्रिया अदा करती है. भाकपा माले बहुत्व कर्नाटक, एड्डेलु कर्नाटक और अन्य नागरिक समाज संगठनों और व्यक्तियों को भी सलाम पेश करती है, जिन्होंने पिछले कुछ महीनों के दौरान अथक रूप से काम किया है और खासतौर से सेक्टर आधारित रिपोर्ट कार्ड के जरिये भाजपा की जनविरोधी नीतियों को उजागर किया है, जिससे उनकी पराजय हुई है।
आने वाले महीनों में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और हम यह उम्मीद करते हैं कि वहां की जनता भी भाजपा की जनविरोधी और नफरत की राजनीति को खारिज करते हुए इसी तरह का जनादेश देकर लोकतंत्र और भारतीय संविधान की हिफाजत करेगी।
दक्षिण भारत का दरवाजा भाजपा के लिए बंद
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