शनिवार, नवम्बर 23, 2024
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आंदोलनों के जरिए जनहित के मुद्दों को उठाने का संकल्प: कोरबा में माकपा का 9वां जिला सम्मेलन संपन्न, प्रशांत झा पुनः सचिव निर्वाचित

कोरबा/बांकीमोंगरा (पब्लिक फोरम)। आम जनता के मुद्दों पर संगठित आंदोलनों की जरूरत पर जोर देते हुए माकपा का 9वां जिला सम्मेलन संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में संगठन विस्तार का आह्वान किया गया, ताकि वर्तमान राजनैतिक चुनौतियों का मजबूती से सामना किया जा सके। प्रशांत झा को पुनः जिला सचिव के रूप में चुना गया, जबकि 17 प्रतिनिधियों को आगामी राज्य सम्मेलन के लिए चयनित किया गया।

सम्मेलन की प्रमुख बातें
इस सम्मेलन में राज्य सचिव एम.के. नंदी, राज्य सचिवमंडल सदस्य धर्मराज महापात्रा, और वकील भारती ने प्रेक्षक की भूमिका निभाई। वी.एम. मनोहर, एस.एन. बनर्जी, जवाहर सिंह कंवर, राजकुमारी कंवर और देवकुमारी कंवर की अध्यक्षता में सम्मेलन की शुरुआत झंडारोहण, शहीदों को पुष्पांजलि और शोक प्रस्ताव के साथ हुई।

राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर पार्टी का रुख
सम्मेलन का उद्घाटन पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य कामरेड वकील भारती ने किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों और विभाजनकारी विचारधारा ने देश को गंभीर संकट में डाल दिया है। इसके विरुद्ध माकपा द्वारा जन आंदोलनों का संगठित प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने ‘इंडिया’ समूह को एक मजबूत विपक्ष के रूप में प्रस्तुत करने के प्रयासों की चर्चा भी की।

जिला सचिव प्रशांत झा ने तीन साल की पार्टी और जन संगठनों की गतिविधियों का विस्तृत लेखा-जोखा पेश किया। इसके बाद, सम्मेलन ने इसे पारित किया। इस रिपोर्ट में भूमि विस्थापन, किसानों के मुद्दों, बिजली के निजीकरण और स्मार्ट मीटर के विरोध, झुग्गी-बस्तियों की समस्याओं, और असंगठित मजदूरों के रोजगार व मजदूरी के मुद्दों पर ग्रामीणों को संगठित करने की रूपरेखा शामिल थी।

आंदोलन की जरूरत पर बल
राज्य सचिवमंडल सदस्य कामरेड धर्मराज महापात्रा ने संगठन को मजबूत करने और जन आंदोलनों को तीव्र गति देने की अपील की। उन्होंने कहा कि जन आंदोलनों और संगठन निर्माण की प्रक्रिया साथ-साथ चलती है। इसलिए चिन्हित मुद्दों पर गंभीरता से आंदोलन चलाना आवश्यक है।

राजनैतिक चुनौतियों पर माकपा का दृष्टिकोण
सम्मेलन के समापन पर माकपा राज्य सचिव एम.के. नंदी ने कहा कि वर्तमान में देश के संविधान और लोकतंत्र पर संकट मंडरा रहा है। आरएसएस नियंत्रित भाजपा लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। इस राजनीति का मुकाबला करने के लिए वामपंथी और धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को एकजुट होना होगा। उन्होंने जन आंदोलन और संगठन को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया।

नए नेतृत्व का चुनाव
सम्मेलन के अंत में आगामी तीन साल के लिए 13 सदस्यीय जिला समिति का गठन किया गया। इसमें वी.एम. मनोहर, एस.एन. बनर्जी, डी.एल. टंडन, अभिजीत गुप्ता, हुसैन अली, देव कंवर, जवाहर लाल कंवर, सुखेंदु घोष, अमित गुप्ता, राजकुमारी कंवर, मनोज विश्वकर्मा और साजी.टी.जान जैसे सदस्य शामिल हैं। प्रशांत झा को सर्वसम्मति से जिला सचिव चुना गया। साथ ही, 15-16 दिसंबर को विश्रामपुर में होने वाले पार्टी के 8वें राज्य सम्मेलन के लिए 17 प्रतिनिधियों का भी चुनाव किया गया।

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