मंगलवार, जुलाई 8, 2025
होमझारखंड9 जुलाई की हड़ताल में शामिल नहीं होगा राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ:...

9 जुलाई की हड़ताल में शामिल नहीं होगा राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ: कोयला उद्योग की दुर्दशा पर जताई चिंता

“राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ ने 9 जुलाई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से बनाई दूरी”

धनबाद (पब्लिक फोरम) देशभर में 9 जुलाई को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर एक संगठन का महत्वपूर्ण निर्णय सामने आया है। राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ (RCMS) ने स्पष्ट किया है कि वह इस हड़ताल में सम्मिलित नहीं होगा। संघ की यह घोषणा 7 जुलाई को धनबाद स्थित संघ कार्यालय में आयोजित एक आपात बैठक के बाद की गई, जिसकी अध्यक्षता संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष एल.एन. भदानी ने की।

संघ की बैठक में विभिन्न संगठनों के नेताओं और पदाधिकारियों ने हड़ताल के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की। वक्ताओं ने सर्वसम्मति से यह विचार रखा कि कोयला उद्योग इस समय बेहद कठिन दौर से गुजर रहा है। उत्पादन में गिरावट, खदानों का साल दर साल बंद होना और श्रमिकों की अनिश्चितता ने उद्योग की स्थिरता को प्रभावित किया है।

बैठक में यह चिंता भी व्यक्त की गई कि वर्तमान में अगर हड़ताल की जाती है, तो कोयला उत्पादन और श्रमिकों दोनों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। मजदूरों की आजीविका और देश की ऊर्जा ज़रूरतों के मद्देनज़र यह कदम गैर-जिम्मेदाराना होगा।

संघ का निर्णय: हड़ताल से बाहर रहेंगे, मजदूर हित सर्वोपरि!

बैठक में अंततः यह निष्कर्ष निकाला गया कि मजदूरों और कोयला उद्योग दोनों के व्यापक हित में राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ इस बार 9 जुलाई की हड़ताल में भाग नहीं लेगा। यह निर्णय एक रणनीतिक विवेक का परिचायक है, जिसमें भावनाओं से अधिक उद्योग की वास्तविक स्थिति और श्रमिकों की मौजूदा चुनौतियों को प्राथमिकता दी गई है।

इस महत्वपूर्ण बैठक में संघ के महामंत्री लल्लन चौबे, पी.एन. दुबे, आर.एस. तिवारी, राजेंद्र चौधरी, वरुण सिंह, धर्मेंद्र कुमार सिंह, संजय कुमार सिंह, तपन पांडे, सुरेश कुमार सिन्हा, सुनिल कुमार, पी.के. झा, विकास दुबे, विनय उपाध्याय, आर.पी. सिंह, माला झा, एन.के. पांडे, पप्पू पांडे आदि वरिष्ठ नेताओं ने अपने विचार साझा किए और संघ की सामूहिक राय को एकमत रूप से समर्थन दिया।

संघ ने अपने प्रेस वक्तव्य में स्पष्ट किया कि वह हमेशा मजदूरों के अधिकारों और सम्मान के लिए संघर्षरत रहा है, परंतु किसी भी ऐसे कदम का समर्थन नहीं करेगा जो मौजूदा संकट में श्रमिकों के भविष्य को और अधिक जोखिम में डाल दे। बयान में कहा गया – “हम आंदोलनों के खिलाफ नहीं, परंतु परिस्थितियों की सच्चाई को भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।”

“राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब देश भर में ट्रेड यूनियनों द्वारा सरकार की नीतियों के विरुद्ध आवाज़ उठाई जा रही है। यह निर्णय मजदूरों की वास्तविक परिस्थितियों और उद्योग की जमीनी हकीकत को समझते हुए लिया गया है।”

संघ का यह बयान न केवल एक संगठन की अपनी रणनीतिक समझ का परिचायक है, बल्कि कोयला उद्योग की वर्तमान दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करने का एक चेतावनी संकेत भी है। भविष्य में यह देखना अहम होगा कि अन्य संगठनों की क्या प्रतिक्रिया होती है और मजदूर आंदोलन किस दिशा में आगे बढ़ता है।
(यह समाचार राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित है।)

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments