आदिवासी संगठनों ने की जांच की मांग
रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ की विधानसभा में प्रस्तुत न्यायिक जांच रिपोर्ट में बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के एडेमसेटा में 2013 में सुरक्षा बलों द्वारा फर्जी मुठभेड़ में 6 बच्चों सहित 8 आदिवासियों की हत्या को सही पाया गया है। इस रिपोर्ट से यह साबित होता है कि माओवाद के नाम पर बस्तर संभाग एवं देश के अन्य स्थानों में सुरक्षा बलों द्वारा घोर मानवाधिकार हनन तथा आदिवासी प्रताड़ना की घटनाएं लगातार हो रही हैं।
उक्त परिस्थितियों के मद्देनजर आदिवासी संघर्ष मोर्चा, आदिनिवासी गण परिषद छत्तीसगढ़ के द्वारा मांग किया गया है कि तमाम पुलिस मुठभेड़ों एवं सुरक्षा बलों के प्रताड़ना की सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराई जाय।
आदिवासी संघर्ष मोर्चा एवं आदिनिवासी गण परिषद छत्तीसगढ़ के संयोजक बी.एल. नेताम ने कहा है कि सारकेगुड़ा, ताड़मेटला सहित तमाम न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाय। दोषियों पर कानूनी कार्यवाही की जाय और पीड़ितों को उचित मुआवजा एवं पुनर्वास दिया जाय।
आदिवासी क्षेत्रों में सैन्यीकरण पर रोक लगायी जाय। माओवाद के नाम पर झूठे आरोपों में जेलों में बंद आदिवासियों को तुरंत रिहा किया जाय। आदिवासी इलाकों में वनाधिकार कानून, पेसा कानून सहित अन्य कानूनों को सख्ती से लागू किया जाय।
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