कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले में अपने 6 महीने के कार्यकाल के दौरान, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने कहा कि पुलिस का हर दिन एक नई चुनौती से भरा होता है और हर दिन एक नया लक्ष्य होता है। उन्होंने प्रेस क्लब के तिलक भवन में आयोजित औपचारिक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि पुलिस का कार्य ऐसा होना चाहिए जिससे जनता में विश्वास और अपराधियों में भय पैदा हो।
श्री तिवारी ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि समाज में जिनकी आवाज़ नहीं है, हम उनकी आवाज़ बनें। पत्रकारिता की भी यही जिम्मेदारी है। मैंने अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व में चल रहे अच्छे कार्यों को जारी रखा और जहां जरूरत थी वहां सुधार किया।”
उन्होंने कहा कि महिलाओं से जुड़े अपराधों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की गई है और यातायात व्यवस्था में भी सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के मूल कारणों की जांच में पाया गया कि अधिकतर हादसे ट्रकों के कारण हो रहे थे। इसके पीछे का एक कारण सड़क किनारे मादक द्रव्यों की उपलब्धता थी, जिसे रोकने के लिए आठ ढाबों को सील किया गया है।
तिवारी ने कहा, “गत वर्ष मादक द्रव्यों के सेवन के चलते वाहन चलाने के 265 मामले दर्ज हुए थे, जबकि इस वर्ष 8 महीनों में ही 1485 मामलों पर कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, नगर निगम के साथ मिलकर पार्किंग की समस्या को सुलझाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि नाबालिगों द्वारा बाइक चलाने पर भी सख्ती बरती जा रही है। पहले स्कूल और कॉलेजों के प्राचार्यों से बैठक की गई और बच्चों को जागरूक किया गया। इसके बाद भी सुधार न होने पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही चीता स्क्वायड कोरबा शहर में उतारी जाएगी।
प्रेस और पुलिस के बेहतर तालमेल की सराहना करते हुए, तिवारी ने कहा कि चाहे लोकसभा चुनाव शांति से कराना हो या गंभीर आपराधिक मामलों का समाधान करना, पुलिस ने हर चुनौती को गंभीरता से लिया है। कोरबा पुलिस का यह संकल्प है कि किसी भी अवैध या आपराधिक गतिविधियों को पनपने नहीं दिया जाएगा और उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
पत्रकार वार्ता के दौरान प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेंद्र जायसवाल ने स्वागत भाषण दिया और दैनिक मितान के संपादक छेदीलाल अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन सचिव नागेंद्र श्रीवास ने किया। इस अवसर पर प्रेस क्लब के सदस्य भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक तिवारी का जीवन परिचय कोरबा बालको टाइम्स के संपादक प्रेमचंद जैन ने दिया। तिवारी का जन्म 12 जनवरी 1985 को उत्तर प्रदेश में हुआ और उन्होंने बीए ऑनर्स के बाद एमबीए किया। उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता की ट्रेनिंग ली और दिल्ली में पत्रकारिता की। इसके बाद उन्होंने सरकारी परीक्षा पास कर भारतीय खाद्य निगम में सहायक महाप्रबंधक के रूप में कार्य किया और फिर आईपीएस सेवा ज्वाइन की।
सिद्धार्थ तिवारी ने अपने अनुभव के आधार पर कहा कि कोरबा में प्रेस और पुलिस का सामंजस्य उत्तम है। उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण और यातायात व्यवस्था में सुधार की दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं। तिवारी ने कहा कि जनता को भी कानून का पालन करना चाहिए और पुलिस पर आरोप लगाना बहुत आसान है। उन्होंने अपील की कि शहर को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी हम सबकी है।
उन्होंने साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों पर भी चिंता जताई और कहा कि लोगों की अज्ञानता और लालच इसका मुख्य कारण है। उन्होंने सट्टा से जुड़े मामलों में भी कड़ी कार्रवाई की जानकारी दी और बताया कि गोवा से आरोपियों को पकड़ने के साथ ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
कोरबा पुलिस प्रशासन का लक्ष्य है कि कोरबा को एक आदर्श शहर बनाया जाए और इसके लिए जनता की भागीदारी भी जरूरी है। तिवारी ने कहा कि जिले में 2500 जवानों की कमी है, फिर भी पुलिस हमेशा सेवा के लिए तत्पर रहती है।
इस प्रकार, कोरबा में पुलिस और प्रेस के बीच सहयोग और सामंजस्य के साथ पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने अपने 6 महीने के कार्यकाल में कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं और जिले की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
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