राज्य में सारे क्षेत्र के कार्य कोरोना लॉकडाउन के पश्चात, पुनः सुचारु रुप से शुरू हो गए हैं। सिवाय शिक्षा संस्थानों के। लॉक डाउन के पश्चात सार्वजनिक स्थानों पर फिर से भीड़ का आलम जुटने लगा है और लोगों को कोरोना संक्रमण का कोई डर नहीं रह गया है। राज्य सरकार भी अपने टैक्स वसूलने के लिए माल से लेकर शराब की दुकानों तक सब खोल चुकी है। जहां लगने वाला जमघट अब आम हो गया है।
ऐसे में राज्य सरकार का अब तक स्कूल और कॉलेजों को बंद रखने का फैसला बिना इस बात की समीक्षा किये कि ऑनलाइन कि सारी कक्षाएं लगी भी है या नहीं, और लगी है तो पाठ्यक्रम पूरा कर दिया गया है या नहीं। कॉलेज, विश्वविद्यालय संबंधित विषयों की परीक्षाएं करवाना शुरू कर चुके हैं जो कि किसी भी तरह से तर्कसंगत नहीं है, हमारा ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन आइसा इसका विरोध करती है। उक्त विषय में आइसा अपने कैंपस खोलो अभियान के तहत निम्नलिखित मांगों के साथ राज्य सरकार से यह अपेक्षा करती है कि इस पर जल्द से जल्द इन मांगों पर कार्यवाही की जाए।
* उचित अकादमिक और प्रशासनिक कामों के लिए तुरंत कॉलेज, विश्वविद्यालय और छात्रावास खोले जाएं।
* राज्य सरकार को यदि लगता है कि परिस्थिति अभी भी अनुकूल नहीं हुई है तो सरकार ऑनलाइन हो रही है पढ़ाई की पहुँच हर छात्र तक हो, इसे सुनिश्चित करे और पहुंच विहीन छात्रों को आवश्यकता अनुसार लेपटॉप, स्मार्ट फोन या उनके स्थानों में इंटरनेट नेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करे ।
* किसी भी तरह की परीक्षा लेने से पूर्व राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि उक्त विषय की ऑनलाइन कक्षाएं लगीं हैं या नहीं और लगी है तो क्या उनका पाठ्यक्रम पूरा हो चुका है या नहीं। अधूरे पाठ्यक्रम के साथ किसी भी प्रकार की परीक्षा नहीं ली जाए।
* छात्रों को इंटरनेट हेतु उचित भत्ता प्रदान किया जाये क्योंकि जब यही कक्षायें शैक्षणिक संस्थानों में लगती है तो छात्रो को फीस के इतर अन्य कोई खर्च वहन नहीं करना होता है जबकि ऑनलाइन कक्षाओं में शैक्षणिक शुल्क के अलावा इंटरनेट डेटा के लिए छात्रों को खुद की जेब से ऐसे भरने पड़ रहे हैं ।
* सभी लंबित फैलोशिप स्कॉलरशिप को तत्काल प्रभाव से वितरण में लाया जाए।
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