गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
होमआसपास-प्रदेश28-29 मार्च के 2 दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने संयुक्त ट्रेड...

28-29 मार्च के 2 दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच ने ली पत्रकार-वार्ता

कोरबा (पब्लिक फोरम)। देशभर के केंद्रीय ट्रेड यूनियन, बैंक, बीमा, रक्षा, दूरसंचार, संगठित-असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों व श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार की श्रमिक, किसान एवं आम जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ 28 एवं 29 मार्च 2022 को दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का निर्णय लिया है। संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच जिला कोरबा ने प्रेस वार्ता के माध्यम से जिले के समस्त मजदूर, किसान एवं आम जनता से 28 एवं 29 मार्च के दो दिवसीय देशव्यापी आम हड़ताल में शामिल होकर देशव्यापी विरोध को सफल बनाने की अपील किया है।

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के और स्वतंत्र कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मंच के आव्हान पर मोदी सरकार के द्वारा अपनाई जा रही मजदूर विरोधी, किसान विरोधी, जन विरोधी एवं देश विरोधी नीतियों के विरुद्ध तथा मजदूर विरोधी 4 श्रम कोडो को रद्द कराने सरकारी एवं सार्वजनिक उद्योगों को तथा वित्तीय संस्थानों को देशी एवं विदेशी इजारेदारी उद्योगपतियों के हाथों में बेचे जाने के विरोध में तथा भविष्य निधि की ब्याज दर 8.5 % से घटाकर 8.1 प्रतिशत करने के विरोध में दिनांक 28 एवं 29 मार्च को दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल होना है जिसमें देश के करोड़ों मजदूर किसान “जनता बचाओ देश बचाओ” के आव्हान के साथ इस आंदोलन में शामिल होंगे।

इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए अपने-अपने क्षेत्र में ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के घटक संगठनों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से 2 दिन की हड़ताल को सफल बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। किसानों के लिए उनके कृषि उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू करने हेतु एवं मंहगाई पर नियंत्रण लगाई जाए।

पत्रकार वार्ता में संयुक्त रूप से श्रमिक संगठन इंटक, एटक, एच.एम.एस, सीटू एवं ऐक्टू के पदाधिकारियों ने अपनी बातें रखी। जिनमें प्रमुख रूप से हरिनाथ सिंह यादव, केव्हीएसवाई राव, बी.एल नेताम, एम.एल रजक, व्ही.एम मनोहर, अरुण कुमार झा, एस.एन बैनर्जी, एस.के सिंह, जयप्रकाश यादव, भूपेंद्र गोंड, अमित गुप्ता, सुनील सिंह, संतोष प्रजापति, नरेंद्र तिवारी, रमेश जांगिड़, संजय अग्रवाल, रामजी शर्मा, एसके यादव, डीकेश्वर देवांगन, संतोष सिंह आदि पदाधिकारी मौजूद थे।

क्या है प्रमुख मांगें

1* श्रम संहिता रद्द करो आवश्यक प्रतिरक्षा सेवा अधिनियम समाप्त करो। 2* कृषि कानून वापसी के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के 6 सूत्री मांग पत्र को पूरा करो। 3* नेशनल मोनेटाइजेशन नीति को रद्द करो सभी सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण की नीति पर तत्काल रोक लगाओ हर किस्म का निजीकरण बंद करो। 4* गैर आयकर दाता परिवार को प्रतिमाह 75000 रूपये की नगद और खाद्य सहायता प्रदान करो। 5* मनरेगा के आवंटन में वृद्धि करो शहरी गरीबों को भी रोजगार गारंटी कानून का लाभ दो। 6* सभी अनौपचारिक क्षेत्र के मजदूरों को सार्वभौम सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराओ। 7* आंगनवाड़ी, मितानिन, मध्यान्ह भोजन और अन्य योजना कर्मियों के लिए वैधानिक न्यूनतम वेतन और समाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराओ। 8* महामारी के दौरान जनता की सेवा करने वाले अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को सुरक्षा और बीमा सुविधा उपलब्ध कराओ। 9* राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और सुधारने के लिए संपदा कर आदि के माध्यम से अमीरों पर कर लगाकर कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सार्वजनिक आवश्यकताओं में सार्वजनिक निवेश बढ़ाओ। 10* पेट्रोलियम उत्पाद पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में पर्याप्त कटौती करो और मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए ठोस कदम उठाओ। 11* ठेका श्रमिक, योजना कर्मियों का नियमितीकरण करो और सभी को समान काम का समान वेतन दो। 12* नई पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन योजना बहाल करो। कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन में पर्याप्त वृद्धि करो।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments