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मंगलवार, अक्टूबर 28, 2025
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नेशनल लोक अदालत में 2.98 लाख मामलों का निपटारा, 13.49 करोड़ रुपये की राशि पर समझौता

कोरबा (पब्लिक फोरम)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के तत्वावधान और छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशन में 13 सितंबर 2025 को आयोजित नेशनल लोक अदालत में बड़ी संख्या में मामलों का निपटारा किया गया। यह आयोजन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा के अध्यक्ष संतोष शर्मा के नेतृत्व में वर्चुअल और भौतिक दोनों मोड में संपन्न हुआ।

जानकारी के अनुसार, इस राष्ट्रीय लोक अदालत में सर्वोच्च न्यायालय से लेकर तहसील स्तर तक न्यायालयों में सुनवाई हुई। जिला न्यायालय कोरबा तथा कटघोरा, करतला और पाली स्थित तालुका विधिक सेवा समितियों में लंबित व प्री-लिटिगेशन सहित कुल 4,68,193 प्रकरणों को निराकरण के लिए चिन्हित किया गया था। इसके लिए कुल 48 खंडपीठों का गठन किया गया।

आयोजन के दौरान 2,98,894 मामलों का सफल निपटान किया गया। इनमें से 2,93,608 प्रकरण प्री-लिटिगेशन स्तर के थे, जबकि 5,286 मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित थे। निपटाए गए मामलों की कुल राशि लगभग 13 करोड़ 49 लाख 55 हजार 167 रुपये रही।

इन मामलों में आपराधिक राजीनामा योग्य विवाद, मोटर वाहन दुर्घटना दावा, चेक बाउंस (धारा 138 एनआई एक्ट), वैवाहिक विवाद, श्रम विवाद, बैंक ऋण वसूली, विद्युत व टेलीफोन बिल, भूमि अधिग्रहण और अन्य राजीनामा योग्य वाद शामिल थे।

नेशनल लोक अदालत के अवसर पर जिला न्यायालय परिसर, कोरबा में विभिन्न शासकीय विभागों ने स्टॉल लगाकर जनता को लाभान्वित किया।
समाज कल्याण विभाग द्वारा ट्रायसाइकिल, श्रवण यंत्र और छड़ी जैसी सामग्री जरूरतमंदों को वितरित की गई।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने योजनाओं की जानकारी के लिए ब्रोशर और पंपलेट बांटे।
स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य जांच शिविर लगाकर उपस्थित पक्षकारों को दवाएं उपलब्ध कराईं।
उद्यानिकी विभाग द्वारा पौधों का वितरण किया गया, जिन्हें न्यायाधीशगण ने पक्षकारों को न्यायिक निर्णय के साथ सौहार्द का प्रतीक मानकर भेंट किया।

इस अवसर पर न्यायपालिका के वरिष्ठ न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से जुड़े पदाधिकारियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

नेशनल लोक अदालत न केवल न्यायिक मामलों के त्वरित समाधान का माध्यम बनी, बल्कि सामाजिक कल्याण योजनाओं और जन-जागरूकता का भी मंच साबित हुई।

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