कोरबा (पब्लिक फोरम)। गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर 10 सूत्रीय मांगपत्र कलेक्टर को सौंपा है, जिसमें जिले की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए अहम मांगें रखी गई हैं। यूनियन का कहना है कि कोरबा जिले के सभी विकास खंडों (पोंडी उपरोडा, पाली, करतला, कटघोरा, और कोरबा) के प्राथमिक, माध्यमिक, और हायर सेकंडरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में अच्छी शिक्षा सुनिश्चित हो सके।
प्रमुख मांगें और सुझाव
1. शिक्षकों की कमी: जिले के सभी विकास खंडों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को तत्काल दूर किया जाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
2. जाति और निवास प्रमाण पत्र: आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों को उनके पूर्वजों के जमीनी दस्तावेज न होने पर भी ग्राम सभा प्रस्ताव के माध्यम से जाति और निवास प्रमाण पत्र अविलंब जारी किए जाएं।
3. अधूरे निर्माण कार्य: पाली, कटघोरा, पोंडी उपरोडा, कोरबा और करतला ब्लॉकों में अधूरे निर्माण भवन (आंगनबाड़ी, प्राथमिक स्कूल भवन) को जल्द पूरा किया जाए ताकि बच्चों को अध्ययन में कोई असुविधा न हो।
4. **बीजाडांड में स्कूल**: ग्राम बीजाडांड में प्राथमिक स्कूल नहीं होने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं, वहां प्राथमिक स्कूल की स्थापना की जाए।
5. डीएमएफ फंड का उपयोग: जिले में उपलब्ध डीएमएफ फंड का उपयोग सभी हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में उच्च स्तरीय पुस्तकालय और साइकिल स्टैंड निर्माण के लिए किया जाए।
6.छात्रावास सुविधा: नियमित पढ़ाई करने वाले छात्रों को छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। कटघोरा और कोरबा शहर में छात्र गृह योजना के तहत छात्रावास संचालित किए जाएं।
7. स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल: इन स्कूलों में शिक्षकों की अनुपातिक संख्या की कमी को पूरा किया जाए और पर्याप्त संख्या में शिक्षक नियुक्त किए जाएं।
8. स्व रोजगार योजना : शिक्षित युवाओं को प्रधानमंत्री स्व रोजगार योजना और जिला अंत्यावसायी योजना के अंतर्गत ऋण उपलब्ध कराया जाए।
9. आदिवासी उप योजना: विश्व आदिवासी दिवस मनाने के लिए सभी आदिवासी सामाजिक संगठनों को आदिवासी उप योजना के तहत मिलने वाली राशि उपलब्ध कराई जाए।
10. शिक्षा निरीक्षक दल: ग्रामीण वनांचल क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षा स्तर को मजबूत करने के लिए एक विशेष निरीक्षक दल गठित किया जाए, जो इन स्कूलों का निरंतर निरीक्षण करता रहे।
गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन की ये मांगें शिक्षा व्यवस्था में सुधार और आदिवासी वर्ग के बच्चों के हित में महत्वपूर्ण कदम हैं। यदि इन मांगों को पूरा किया जाता है, तो कोरबा जिले में शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार देखा जा सकेगा।
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