कोरबा (पब्लिक फोरम)। एसईसीएल दीपका क्षेत्र के अंतर्गत कार्यरत हेम्स एंड जे.एम.ए.टी.सी. एसोसिएट ठेका कंपनी के मजदूरों ने शुक्रवार सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक एनटीपीसी जाने वाली रेलवे रेक को रोककर करीब 7 घंटे तक जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। ठेका कर्मचारियों ने अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर पूर्व में हुए त्रिपक्षीय समझौते के क्रियान्वयन की मांग करते हुए दीपका प्रबंधन और ठेका कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
आंदोलनकारी मजदूरों का आरोप है कि दिनांक 5 जून 2025 को एसईसीएल दीपका क्षेत्र में हेम्स कंपनी, मजदूर प्रतिनिधियों और प्रबंधन के बीच हुई त्रिपक्षीय वार्ता में सात मांगों को सहमति से स्वीकार कर 10 दिनों में पूरा करने का आश्वासन दिया गया था। परंतु डेढ़ महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई भी मांग पूरी नहीं की गई, जिससे मजदूरों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है।
प्रदर्शन में शामिल मजदूरों ने कहा कि हेम्स कंपनी द्वारा उन्हें बार-बार गुमराह किया जा रहा है। तय समयसीमा के बाद भी न तो 14 पुराने मजदूरों को दोबारा काम पर रखा गया है और न ही श्रम अधिकारों का पालन किया जा रहा है। ESIC कार्ड, हाजिरी कार्ड, वेतन पर्ची, राष्ट्रीय छुट्टियों का भुगतान और समान कार्य के लिए समान वेतन जैसे मुद्दों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
मजदूरों की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं।
1. 14 पूर्ववर्ती ठेका मजदूरों को तत्काल पुनः कार्य पर लिया जाए।
2. महीने में चार छुट्टियों का वेतन सहित भुगतान हो, और राष्ट्रीय अवकाश पर दोगुना वेतन दिया जाए।
3. 26 दिन काम करने पर 30 दिन और 30 दिन काम करने पर 34 दिन का भुगतान किया जाए।
4. समान कार्य के लिए समान वेतन नीति लागू की जाए।
5. सभी श्रमिकों को ESIC कार्ड के माध्यम से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
6. कंपनी द्वारा पिछले दो माह से पीएफ जमा नहीं किया गया है, इसे तत्काल श्रमिकों के खातों में जमा किया जाए।
7. वेतन पर्ची और हाजिरी कार्ड नियमित रूप से जारी किया जाए जैसा कि त्रिपक्षीय बैठक में तय हुआ था।
मजदूरों का कहना है कि इन सभी मांगों पर समझौता होने के बावजूद प्रबंधन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसके चलते उन्हें अनिश्चितकालीन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा।
गौरतलब है कि शुक्रवार को सुबह से लेकर देर दोपहर तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए नहीं पहुंचा, जिससे मजदूरों में और भी असंतोष गहराया।
मजदूरों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रबंधन और ठेका कंपनी की होगी।
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