ऐक्टू ने श्रम विभाग में दर्ज कराई शिकायत।
कोरबा : छत्तीसगढ़ के एक मात्र एल्युमिनियम उद्योग भारत अल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड बालको पर काबिज वेदांता प्रबंधन के द्वारा एल्युमिनियम उत्पादन के कार्यों के नियमित कर्मचारियों को उनके विभाग एवं कार्यों से हटाकर / ट्रांसफर करके उनके बदले उन जगहों पर ठेका श्रमिकों को नियोजित किया जा रहा है एवं नियमित कर्मचारियों के स्थान पर ठेका में कार्य के आदेश जारी करके श्रम विभाग के द्वारा जारी की जा रही अनुज्ञप्तियों को आधार बनाकर नियमित कर्मचारियों के बदले ठेका कर्मियों के नियोजन को वेदांता द्वारा वैधानिक बताया जा रहा है।
साथ ही नियमित कर्मचारियों को अन्यत्र विभाग में ट्रांसफर करके अनट्रेंड जॉब में लगाकर उन्हें स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति VRS भरने के लिए दबाव भी बनाया जाता रहा है और यह अनैतिक कार्य निजीकरण के बाद 2001 से बालको कारखाने में लगातार श्रम विभाग के द्वारा जारी अनुज्ञप्ति को आधार बनाकर किया जा रहा है।
बालको में कार्यरत श्रमिक संगठन ऐक्टू ने इस बात पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा है कि श्रम विभाग को यह जानकारी होते हुए भी कि नियमित एवं लगातार चलने वाले उत्पादन कार्यों में ठेका श्रमिकों का नियोजन अवैधानिक एवं अनैतिक श्रम प्रक्रिया है। बावजूद इसके श्रम विभाग/प्रशासन के द्वारा ऐसे अनुज्ञप्तियों को जारी करना, वेदांता प्रबंधन के द्वारा जारी अनैतिक श्रम प्रक्रिया में श्रम विभाग / प्रशासन की संलिप्तता को ही प्रकट करता है।
ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस ‘ऐक्टू’ के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष एवं अल्युमिनियम कामगार संघ ‘ऐक्टू’ बालको के अध्यक्ष बीएल नेताम ने सहायक श्रम आयुक्त कोरबा को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि बालको में एल्युमिनियम उत्पादन के नियमित कार्यों के लिए दी गई अनुज्ञप्तियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करें, साथ ही वेदांता प्रबंधन के द्वारा जारी इस अनैतिक श्रम प्रक्रिया के विरुद्ध कार्यवाही करने की कृपा करें। आपके द्वारा उचित कार्यवाही न करने की स्थिति में बालको कारखाने में होने वाली औद्योगिक अशांति की जिम्मेदारी वेदांता प्रबंधन एवं प्रशासन की होगी।
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