रायपुर/कोरबा (पब्लिक फोरम)। तीन किसान विरोधी कानूनों को वापस लेते हुए मोदी सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा और इस देश के किसानों से जो लिखित वादा किया था, उस पर अमल न करने के खिलाफ आज छत्तीसगढ़ किसान सभा ने पूरे प्रदेश में रोष प्रदर्शन आयोजित किये। संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर आज सूरजपुर, सरगुजा, कोरबा आदि जिलों में धरना-प्रदर्शन किए गए तथा प्रधानमंत्री मोदी के पुतले जलाए गए।
आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि देशव्यापी किसान आंदोलन ने इस सरकार के लिखित आश्वासन पर विश्वास व्यक्त करते हुए दिल्ली की सीमाओं से अपना धरना उठा लिया, लेकिन डेढ़ माह बाद भी सरकार अपने किसी भी वादे को पूरा करने को तैयार नहीं है। उसने अभी तक न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए कोई कमिटी बनाई है, न आंदोलन में शहीद किसानों के परिवारों को मदद देने के लिए कोई कार्यवाही की है, न उन पर थोपे गए फर्जी मुकदमों को वापस लेने की कोई कार्यवाही की है और न ही लखीमपुर खीरी कांड के दोषी मंत्री अजय मिश्रा को अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज कोरबा, सरगुजा, सूरजपुर व रायगढ़ सहित कई जिलों में किसान सभा द्वारा जगह-जगह प्रशासन को ज्ञापन सौंपे गए हैं और धरना-प्रदर्शन किया गया है। किसान मोर्चा ने एक विस्तृत ज्ञापन राष्ट्रपति को भी सौंपा है।
किसान नेताओं ने कहा है कि सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा न लें वरना वह पुनः आंदोलन शुरू करने को बाध्य होंगे। आगामी 28-29 मार्च को देशव्यापी मजदूर आंदोलन और आम हड़ताल में इस देश के किसान पुरजोर हिस्सेदारी करेंगे।
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