गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
होममध्यप्रदेशमुनाफे के लिए मानवता को संकट में डाल रहा है साम्राज्यवाद, भारत...

मुनाफे के लिए मानवता को संकट में डाल रहा है साम्राज्यवाद, भारत को लूट का शिकार बनाकर हिंदुत्व आधारित राष्ट्र बनाने की साजिश रच रही है मोदी सरकार: माकपा

माकपा के मध्यप्रदेश राज्य सम्मेलन में बोले सीताराम येचुरी

भोपाल (पब्लिक फोरम)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 16 वे मध्यप्रदेश राज्य सम्मेलन का उदघाटन भोपाल में पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने किया। उन्होंने अपने भाषण में देश और दुनिया की मौजूदा स्थितियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दुनिया के रईस देश अपने और अपनी कंपनियों के छप्परफाड़ मुनाफों के लिए दुनिया भर की मानवता को खतरे में डाल रहे हैं। कोरोना की महामारी के दौर में भी वैक्सीन से पेटेंट की रॉयल्टी कम करने की बजाय वे उसे इतना महँगा कर रहे हैं कि अनेक गरीब देश उसे खरीद ही नहीं पा रहे हैं। नतीजा यह निकला है कि इस महामारी के दौर में गरीबी और बेरोजगारी बेलगाम तरीके से बढ़ी है, वही भारत सहित दुनिया के खरबपतियों की दौलत में विराट इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति से बाहर आने के लिए सरकारें जो राहत पैकेज – स्टिमुलस पैकेज – घोषित कर रही हैं, वह भी सीधे इन्ही खरबपतियों की तिजोरी में जा रहा है, जिसके चलते एक तरफ भुखमरी और मौतें बढ़ रही है, तो दूसरी तरफ सट्टा बाजार आसमान छू रहा है।

उन्होंने कहा कि अमरीका की अगुआई में साम्राज्यवादी देश कोरोना के बाद की दुनिया पर कब्जा जमाने की साजिशें रच रहे हैं। जिन समाजवादी देशों ने इस आपदा पर काबू पाकर अपनी जनता की हिफाजत की और अर्थव्यवस्था को काबू में बनाये रखा, उनकी घेराबंदी करने की कोशिश की जा रही है। मोदी की अगुआई वाली भारत सरकार इन दिनों दुनिया भर में अमरीकी कठपुतली के रूप में जानी जाने लगी है। वह ऐसे सैनिक गठबंधनों में अमरीका का पिछलग्गू बन गयी है, जिनसे खुद भारत की सुरक्षा और सम्प्रभुता को खतरा पैदा हो रहा है। इस अमरीकापरस्त विदेश नीति के चलते भारत अपने सारे पड़ोसी देशों से संबंध बिगाड़ कर बैठा है।

देश की स्थिति के बारे में बोलते हुए सीताराम येचुरी ने कहा कि 2019 के बाद फिर से सत्ता में आने के बाद से मोदी निज़ाम ने भारत की मूल अवधारणा की चारों पहचानों — धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक सम्प्रभुता, सामाजिक न्याय और केंद्र-राज्य संबंधों से जुड़े संघीय ढाँचे पर हमला कर उसे कमजोर किया है। गैरकानूनी गिरफ्तारियां, जनतंत्र पर प्रतिबन्ध बढ़े हैं। पत्रकारों पर भी देशद्रोह के मुकदद्मे लगाए जा रहे हैं। महिलाओं, दलितों पर अत्याचार तेज हुए हैं, आदिवासियों की जमीन कारपोरेट को सौंपकर इनको उनकी बसाहटों से खदेड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि देश की सम्पदा की तो जैसे लूट ही मची है। अंधाधुंध निजीकरण किया जा रहा है। अपने चहेतों के 11 लाख करोड़ रुपयों के कर्ज माफ़ कर दिए हैं। जो बैंकों का कर्जा खाकर भाग गए, उनके भी कर्ज माफ़ किये जा रहे हैं। राजभवनों में आरएसएस के लोग बिठाकर राज्य सरकारों के कामो में दखलंदाजी की जा रही है। देश को हिन्दुत्व आधारित राष्ट्र बनाने की साजिश रची जा रही है, जिसे आजादी की लड़ाई में भारत की जनता निर्णायक रूप से ठुकरा चुकी है।

उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस पर केरल सरकार द्वारा भेजी गयी श्री नारायण गुरु पर आधारित झांकी केंद्र सरकार ने रोक दी और राज्य सरकार से कहा है कि वह शंकराचार्य पर झांकी बनाकर लाये। देश का सारा नैरेटिव साम्प्रदायिक बनाया जा रहा है और आजादी के 75 वे साल के समारोहों में भी सारे प्रतीक इसी हिसाब से तय किये जा रहे हैं।

सीताराम येचुरी ने कहा कि यह सब उस समय हो रहा है, जब भारत में गरीबी, बेकारी, भुखमरी शीर्ष पर है। महंगाई ने जीवन दूभर किया हुआ है। इन सारे मोर्चों पर मोदी सरकार असफल रही है। उन्होंने कहा कि इस बीच जनता के आंदोलन और संघर्ष भी बढे हैं। पिछली 4 वर्षों में मजदूरों ने तीन राष्ट्रव्यापी हड़तालें की है। किसानो ने एक साल तक चला ऐतिहासिक आंदोलन जीता है। महिला, छात्र युवा सभी मिलकर लडे हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी देश और उसकी जनता को बचाने के इन संघर्षों को आगे बढ़ाएगी, इनमे और लोगों तथा तबकों की भागीदारी करवाकर व्यापक बनाएगी। छोटे उद्योग धंधे भी संकट में पड़े हैं, उनके लिए भी मांगें उठायी जाएंगी।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी आने वाले दिनों में एक ऐसा मोर्चा बनाएगी, जो इन सब मामलों में आम राय रखते हों और देश की जनता को मोदी के कार्पोरेटी हिंदुत्व वाले राज से मुक्ति दिलाएगी। इस काम को सही तरीके से अंजाम देना है, तो सीपीएम और वामपंथ की बाकी ताकतों को मजबूत होना होगा।

सीपीएम की पोलिट ब्यूरो सदस्य सुभाषिणी अली, मप्र सीपीएम राज्य सचिव जसविंदर सिंह, छग सीपीएम राज्य सचिव संजय पराते सहित अनेक वरिष्ठ नेता उदघाटन सत्र में मौजूदा थे। तीन दिन चलने वाले इस सम्मेलन की अध्यक्षता बादल सरोज, संध्या शैली, जे के पिप्पल, एटी पदमनाभन, बुद्धसेन सिंह गोंड तथा जहूर खान कर रहे हैं।

राज्य सम्मेलन की शुरुआत वरिष्ठ नेता जे के पिप्पल द्वारा झंडारोहण और शहीदों तथा दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुयी। स्वागताध्यक्ष रामप्रकाश त्रिपाठी ने अपने संबोधन से सभी का स्वागत किया।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments