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बुधवार, फ़रवरी 5, 2025
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वेदांता की करतूतों से कब तक मरेंगे लोग? कोविड मरीज को हॉस्पिटल से बाहर खदेड़ा, कहा: पहले पैसा जमा करो..

” आक्सीजन के बिना कोरोना मरीज की मौत, प्रबंधन के खिलाफ़ FIR दर्ज कर कार्रवाई की उठी मांग “

छत्तीसगढ़ : भारत एल्युमिनियम कंपनी बालको में काबिज वेदांता के मालिक श्री अनिल अग्रवाल के द्वारा केंद्र सरकार को यूं तो दिल खोल कर करोड़ों रुपयों की सहायता देने की बात बताई जाती है। वेदांता बालको के सीईओ श्री अभिजीत पति के द्वारा भी कोविड-19 के खिलाफ युध्द स्तर पर तैयारी होने की बात प्रचार माध्यमों से जानकारी दी जाती है। कारपोरेट सामाजिक रिस्पांसिबिलिटी ( सी.एस.आर.) मद के माध्यम से भी जन-सहायता के लिए हमेशा आगे रहने की बात कही जाती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती है और मौका ए वारदात पर वेदांता के सारे दावे खोखले निकलते हैं।

” वहीं पर जिला प्रशासन के इस दावे पर भी सवाल खड़ा होता है कि कोरबा में ऑक्सीजन और ऑक्सीजन युक्त बेड की कोई कमी नहीं है। “

बाल्को नगर के भदरापारा निवासी दरबार खान (55 वर्ष) को 2 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव होने की खबर मिली। 2 दिनों से वे अपने घर में ही आइसोलेट होकर निर्देशानुसार दवाइयों का सेवन कर रहे थे। लेकिन अचानक उनका ऑक्सीजन लेवल जब 44 पर पहुंच गया। तब परिजनों तथा कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से उनको बालको हॉस्पिटल में ले जाया गया। हॉस्पिटल प्रबंधन के द्वारा। पहले तो कहा गया कि भीड़ उपलब्ध नहीं है लेकिन किसी तरह से ले देकर तैयार हो जाता है फिर उन्हें भर्ती कर इलाज की तैयारी शुरू कर दी जाती है लेकिन इसके पूर्व मरीज को 10000 रुपये रोज के हिसाब से जमा करने को कहा जाता है। जब उनके परिजनों की ओर से इतने पैसे तत्काल जमा कर पाने में असमर्थता जाहिर किया जाता है तो कोविड मरीज दरबार खान को हॉस्पिटल से रात्रि लगभग 1:30 बजे हॉस्पिटल से बाहर खदेड़ दिया जाता है।

बालको से बाहर किसी अन्य हॉस्पिटल में ले जाने के लिए काफी अनुनय-विनय के बाद भी उन्हें एंबुलेंस की सुविधा-सहायता भी मुहैया नहीं की गई। किसी तरह से एक ऑटो की व्यवस्था करके अन्यत्र हॉस्पिटल ले जाया जाता है जहां पर तत्काल उनकी मृत्यु हो जाती है।

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