नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्यसभा के महासचिव प्रमोद चंद्र मोदी को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है। यह नियुक्ति विधि एवं न्याय मंत्रालय से परामर्श के बाद और राज्यसभा के उपसभापति की सहमति से की गई है। इस फैसले के साथ ही उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया औपचारिक रूप से प्रारंभ हो गई है।
जगदीप धनखड़ का अप्रत्याशित इस्तीफा
यह चुनाव वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे के कारण आवश्यक हो गया है। श्री धनखड़ ने 21 जुलाई की रात को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था। उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है और गृह मंत्रालय ने इसकी राजपत्र अधिसूचना भी जारी कर दी है।
निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 की तैयारियों के तहत गजट अधिसूचना जारी कर दी है, जिसमें पी.सी. मोदी को मुख्य निर्वाचन अधिकारी बनाया गया है। साथ ही, आयोग ने राज्यसभा सचिवालय की संयुक्त सचिव गरिमा जैन और निदेशक विजय कुमार को सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 के अनुसार, निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति केंद्र सरकार के परामर्श से चुनाव आयोग द्वारा की जाती है। पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा महासचिव को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया था, जबकि इस बार यह जिम्मेदारी राज्यसभा महासचिव को सौंपी गई है, क्योंकि यह बारी-बारी से होता है।
उपराष्ट्रपति पद का महत्व और कार्यकाल
भारत में उपराष्ट्रपति का पद राष्ट्रपति के बाद कार्यकारी ढांचे में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद है। उपराष्ट्रपति, राज्यसभा के पदेन सभापति के रूप में भी विधायी कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।
निर्वाचन आयोग अब जल्द ही उपराष्ट्रपति पद के लिए विस्तृत चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेगा। इसमें निर्वाचक मंडल की तैयारी, जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं, प्रमुख है।दोनों सदनों के सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के पात्र होते हैं।
जगदीप धनखड़ का यह अप्रत्याशित इस्तीफा राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है, और कई अटकलें लगाई जा रही हैं। हालाँकि, उनके इस्तीफे के पीछे के सटीक कारणों पर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है, सिवाय इसके कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख किया है। देश अब अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
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