21 जनवरी को रायपुर में राज्यपाल से मुलाकात करने की उम्मीद से आ रहे थे
सदस्यों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता
छत्तीसगढ़ (पब्लिक फोरम)। बस्तर संभाग के सुकमा बीजापुर जिला के आदिवासी मूलनिवासी बचाव मंच के नेतृत्व में जल जंगल जमीन पर्यावरण की रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, साफ पेयजल जैसे बुनियादी सुविधाओं की मांगों और फर्जी मुठभेड़ के जरिये आदिवासियों की पुलिस दमन को रोकने जबरिया पुलिस कैम्प स्थापना के खिलाफ आदिवासियों का आंदोलन जारी है। सिलगेर के आंदोलन को नौ माह पूरा हो चुका है।
पूरे बस्तर संभाग में आदिवासियों की समस्याओं के संदर्भ में प्रतिनिधि मंडल 21 जनवरी को राजभवन रायपुर में राज्यपाल से मुलाकात करने दोपहर दो बजे का समय निर्धारित करने 19 जनवरी को आवेदन प्रस्तुत किया गया था।

अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तथा छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही, जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर हेमंत टंडन ने बताया कि बस्तर संभाग के प्रतिनिधि मंडल में शामिल रघु मिडियामी, गजेंद्र मंडावी, रामा ओराम, सुशील कोरसा, हिरन कोवासी, सुनीता पोटाम, महेश रेंगा, अंजली मंडावी, रामेश उइका, उर्रा करटम 19 जनवरी बुधवार रात 10.30 बजे गीदम से बस बैठकर रायपुर के लिए निकले थे 20 जनवरी गुरुवार को सुबह नई राजधानी प्रभावित किसानों के आंदोलन में अपना समर्थन व्यक्त कर 21 जनवरी शुक्रवार दोपहर 2 बजे माननीया राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके से मुलाकात करने वाले थे। परंतु 20 जनवरी की सुबह तक रायपुर नहीं पहुंचने पर रघु मिडियामी के मोबाइल से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन शाम तक भी उनसे संपर्क नही हो पाया ।

रात को राज्यपाल कार्यालय के जरिये पता करने पर मालूम हुआ कि उन्हें कोंडागांव पुलिस थाना में रोक लिया गया है जो कि पुलिस प्रशासन द्वारा आदिवासियों की आवाज को दबाने का भरसक प्रयास है। एक तरफ आंदोलनकारियों से स्थानीय प्रशासन की बेरुखी रही है और दूसरी तरफ जब प्रतिनिधि मंडल राजधानी आकर अपनी बात रखना चाहते हैं तो उन्हें भी अवैधानिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया है जो लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।
इस संबंध में हस्ताक्षेप करने 21 जनवरी को राज्यपाल की अनुपस्थिति में कार्यालय में पत्र देकर पुलिस द्वारा उठाये गए नौ प्रतिनिधि मंडल को रिहा करने और राज्यपाल महोदया से मुलाकात हेतु समय सुनिश्चित करने निवेदन किया है। साथ ही उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर किया है क्योंकि पहले भी वे लोग राज्यपाल और मुख्यमंत्री से अपनी सुरक्षा की मांग कर चुके हैं।
Recent Comments