दुकान किराया बकाये पर अब तक 52 दुकानों में लगाया गया ताला, 50 लाख रूपये की बकाया किराया राशि की वसूली
कोरबा (पब्लिक फोरम)। दुकान किराये की बकाया राशि संबंधित दुकानदारों द्वारा निगम कोष मंे जमा न करने के परिणाम स्वरूप आज नगर पालिक निगम केारबा द्वारा पुनः 05 दुकानों पर ताला लगाया गया, वहीं अब तक 52 दुकानों पर ताला निगम द्वारा लगाया जा चुका है। इसी प्रकार दुकान किराये की बकाया राशि के रूप में 50 लाख रूपये की वसूली भी दुकानों में पहुंचकर निगम के राजस्व अमले के द्वारा की जा चुकी है। जिन दुकानों पर ताला लगाया गया है, उनसे संबंधित दुकानदारों को राजस्व अमले ने कड़ी हिदायत भी दी कि वे बकाया राशि जमा कराएं तभी उनके दुकानों का ताला खोला जाएगा।
यहां उल्लेखनीय है कि नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा निगम क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में निर्मित दुकानों, भवनों आदि को लीज किराये पर आबंटित किया गया है। इन दुकान संचालकों द्वारा बरसों से किराये की राशि निगम कोष में जमा नहीं कराई जा रही थी, निगम द्वारा बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद उनके द्वारा बकाया राशि की अदायगी नहीं की गई तथा एक बड़ी राशि दुकान किराये के रूप में निगम को प्राप्त करनी शेष थी। आयुक्त श्री प्रभाकर पाण्डेय के निर्देश पर निगम के राजस्व अमले द्वारा दुकान किराये के बकायादारों पर लगातार कार्यवाही की जा रही है।
इन बकायादारों पर कार्यवाही करते हुए आज पुनः 05 दुकानों पर ताला लगाया गया, जिनमें शारदा विहार में निगम द्वारा निर्मित दुकान क्र. 14, 15, 19, 26, 44 आदि दुकानों में ताला बंदी की गई, वहीं अब तक निगम द्वारा 52 दुकानों मंे ताला लगाया जा चुका है, इसके साथ ही दुकान किराये की बकाया राशि के रूप में 50 लाख रूपये की वसूली भी की गई है।
बकाया राशि जमा करें, असुविधा से बचें
आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने निगम के करदाताओं एवं दुकान भवन किराया के बकायादारों से अपील करते हुए कहा है कि वे बकाया कर एवं निगम को देय भवन, दुकान किराया की राशि समय पर निगम कोष जमा कराएं। उन्होने कहा है कि करों से प्राप्त राशि के माध्यम से ही निगम द्वारा विभिन्न मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाती है तथा नगर विकास के कार्य किए जाते हैं, निगम को समय पर करों का भुगतान न मिलने से नागरिक सुविधाएं व नगर विकास के कार्य प्रभावित होते हैं, अतः समय पर करों एवं देयकों का भुगतान निगम कोष में करें तथा नगर विकास में अपना सहयोग दें। उन्होने कहा है कि निगम द्वारा राजस्व वसूली के संबंध में आगे भी निरंतर कार्यवाही की जाएगी, अतः कार्यवाही से होने वाली असुविधा से बचने हेतु बकाया कर एवं देयकों का भुगतान समय पर करें।
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