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गुरूवार, दिसम्बर 26, 2024
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पी.एफ. ब्याज दरों में भारी कटौती का ‘ऐक्टू’ ने किया विरोध

आगामी 28-29 मार्च की आम हड़ताल को सफल बनाने AICCTU ने किया अपील

दुर्ग/भिलाईनगर (पब्लिक फोरम)। ऑल इंडिया सेंट्रल कौंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) छत्तीसगढ़ के महासचिव बृजेंद्र तिवारी ने अपने बयान में कहा है कि हालिया विधानसभा चुनावों के बाद, चार राज्यों में सत्ता में आने के साथ ही मोदी सरकार ने अपना असली चेहरा दिखा दिया। केन्द्र सरकार ने कामगारों और कर्मचारियों की गाढ़ी मेहनत की कमाई की बचत पर फिर से भारी हमला कर दिया है, इसमें पी एफ की ब्याज दर को 8.1 तक कम कर दिया गया है। जो 43 सालों में सबसे कम ब्याज दर है। यहां तक कि जब सभी आवश्यक वस्तुओं, ईंधन, कुकिंग गैस समेत की कीमतें अविश्वसनीय ऊंचाई पर पहुंच चुकी हैं।

मोदी सरकार का ये हमला मजदूरों की गाढ़ी कमाई और हक अधिकारों के हमलों की कड़ी में एक और अध्याय है, जिसमें चार लेबर कोड भी शामिल हैं जिनके ज़रिए दशकों पुराने श्रम अधिकारों को कमजोर करके पूरे श्रमिक वर्ग को दासों की श्रेणी में धकेल दिया गया है. अपनी वर्तमान जीत से उत्साहित होकर मोदी सरकार मजदूर वर्ग पर और तेज हमलों के लिए तैयार बैठी है. मजदूर वर्ग को इन हमलों के खिलाफ और एकताबद्ध एवं सघन प्रतिरोध खड़ा करने के लिए तैयार रहना होगा।

ऐक्टू भारतीय श्रमिक वर्ग का पी.एफ. की ब्याज दर को कम करने और तमाम मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष तेज़ करने और आने वाली 28-29 मार्च की आम हड़ताल को सफल बनाने का आवाह्न करता है।

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