आरोपियों के तलाश में जुटी पुलिस
कोरबा (पब्लिक फोरम)। भिलाईबाजार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने से अपहरण की गई नर्स की बरामदगी एक नाटकीय घटनाक्रम में हुई। बताया जा रहा है कि पुलिस की नाकाबंदी और तलाश के लिए बढ़ते दबाव के बीच नर्स को अपहरणकर्ता रतीजा के जंगल में छोड़कर भाग निकले। वह रात भर घर में रही फिर सुबह पुलिस को पता चला।
भिलाईबाजार के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत नर्स ओम साहू पति स्वर्गीय रामकुमार साहू 38 वर्ष को 25 दिसंबर की रात करीब 8 बजे अज्ञात स्कार्पियो सवार 2 लोगों ने अपहरण कर लिया था। रात भर पुलिस की अलग-अलग टीम महिला व अपहरणकर्ता की तलाश में जुटी रही। आईजी रतन लाल डांगी खुद हरदीबाजार पहुंचे थे। उनके मार्गदर्शन में पुलिस व सायबर सहित आधा दर्जन टीम के द्वारा पता-तलाश शुरू की गई। इधर रात करीब 3 बजे अपहरणकर्ता अपहृत नर्स को ग्राम रतिजा के आगे जंगल में छोड़कर फरार हो गए जिसकी जानकारी पुलिस को आज (रविवार) सुबह हुई। नर्स को कब्जे में लेकर उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराने के उपरांत घटना के बारे में पूछताछ की गई।
नर्स ने बताया कि उसका अपहरण करने वालों ने कहा था कि बॉस का फोन आया है इसलिए छोड़कर जा रहे हैं। नर्स के मुताबिक उसे स्कॉर्पियो में लेकर रलिया से रतीजा की ओर भागे थे। रास्ते में उसकी आंख में पट्टी बांध देने के कारण किस स्थान पर लेकर गए, उसके बारे में जानकारी नहीं हो सकी। अपहरणकर्ताओं द्वारा बातचीत किया जा रहा था कि पुलिस के द्वारा पूरे जिले में नाकेबंदी कर दी गई है, भागना मुश्किल है इसलिए कुछ ना बताने की धमकी देकर ग्राम रतीजा के आगे जंगल में छोड़ कर फरार हो गए।
दूसरी ओर बताया जा रहा है कि पुत्र और उसके मित्र भी नर्स ओम साहू की तलाश में लगे थे कि रतीजा के जंगल मार्ग में उसे देखा गया। रात में ही परिजन अपने साथ घर लेकर चले गए। थाना में लानेे की बजाय सीधे कोरबा आए जिससे ओम साहू का मोबाइल लोकेशन जिला अस्पताल में होना पाया गया। पुलिस ने नर्स की पुत्री को फोन किया तब ज्ञात हुआ कि वह रात में ही घर आ गई थी और वे लोग सीधे कोरबा पहुंच गए थे। बीच में महिला ने अपना फोन भी बंद कर दिया जिससे पुलिस की परेशानी बढ़ गई थी। इस मामले में कई तरह के सवाल अब भी बने हुए हैं।
घटना के तार परिवार से भी जोड़कर देखे जा रहे हैं। नर्स को हाल ही में जमीन/मकान का मुआवजा लाखों रुपए मिला है। उसकी निजी जिंदगी के अलावा लोगों से किए गए रुपयों के लेन-देन को लेकर घटनाक्रम को अंजाम देने की भी सुगबुगाहट है। सूत्र यह भी बताते हैं कि नौकरी लगाने के लिए रुपए का लेन-देन घटना की एक वजह हो सकती है जिसमें करीबी लोग शामिल बताए जा रहे हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही अपहरणकर्ता गिरफ्त में होंगे।
बहरहाल पीएचसी में वार्ड आया कार्यरत संतोषी निर्मलकर की रिपोर्ट पर हरदीबाजार चौकी पुलिस द्वारा स्कार्पियो के चालक एवं अपहरण करने वाले दो आरोपियों सहित 3 लोगों के विरुद्ध धारा 365, 34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है।
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