गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
होमदुर्गधर्म संसद के नाम पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा, उन्माद व नफरत...

धर्म संसद के नाम पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा, उन्माद व नफरत फैलाने के विरोध में राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम जिला दुर्ग को सौंपा ज्ञापन

वामपंथी पार्टियों तथा जनवादी संगठनों के द्वारा 27 दिसम्बर को धर्म संसद के नाम पर मुसलमानों के खिलाफ हिंसा, धार्मिक उन्माद व नफरत फैलाने तथा चर्चों पर किये जा रहे हमले के खिलाफ एक ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति और माननीय प्रधानमंत्री के नाम ए डी एम, दुर्ग नूपुर राशि पन्ना को सौंपा गया।

ज्ञापन में देश की शांति प्रिय जनता के बीच धर्म के नाम पर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने, नफरत भरे भाषणों व हिंसा फैलाने के आह्वान की कड़ी निंदा किया गया है. आम जनता के बुनियादी सवालों को दरकिनार करने के लिए भाजपा व उसके संगठनों द्वारा इस तरह के मुद्दों को लाकर लोगों के बीच फूट डालने की कोशिश की जा रही है।

ज्ञापन में मांग किया गया है कि वातावरण को दूषित करने और भारत के लोगों का ध्रुवीकरण करनेवाले कार्यक्रमों तथा धार्मिक उन्माद फैलाने पर तत्काल रोक लगाई जाए.समुदायों के बीच नफरत फैलाने व भड़काऊ भाषण देने में लिप्त स्वामी यति नरसिंहानंद, स्वामी प्रबोदानंद,अन्नपूर्णा मां,धर्मदास महाराज ,कालीचरण और अन्य सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाय. चर्चों पर किए जा रहे हमलों को तुरंत रोका जाए तथा दोषी लोगों पर कठोर कार्यवाही की जाए।

प्रतिनिधिमंडल मे भाकपा ( माले) लिबरेशन से बृजेन्द्र तिवारी, माकपा से डीवीएस रेड्डी व शांत कुमार,भाकपा से विनोद कुमार सोनी, छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच से राजकुमार गुप्ता, ऐक्टू से आर.पी.गजेन्द्र, सीटू से अशोक खातरकर, एटक से धीरेंद्र सिंह, पीयूसीएल से प्रसाद राव, कर्बला कमेटी से चांद खान व बरकत अली तथा अब्दुल अजीम, दिलीप उमरे, नदीम आदि लोग शामिल थे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments