दीपका/गेवरा (पब्लिक फोरम)। ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने साइलो एवं सीएचपी से निकाले गए मजदूरों की बचे रोजगार बहाली के लिए और अन्य मांगों को लेकर पिछले 5 दिसम्बर से शुरू आन्दोलन के दौरान यहां पर काम कर रहे कामगारो को कम वेतन में काम करने और आंदोलन से दूर रहने के लिए धमकाने वाले दलालनुमा व्यक्तियों पर कार्यवाही करने की मांग करते हुए थाने में शिकायत किया है । आरोप है कि ये लोग पेटी ठेकेदार है और मुख्य कंपनी के साथ आपसी सांठगांठ कर कम वेतन में मजदूरों से काम लेते हैं और पूरी वेतन की मांग करने वाले मजदूरों को काम से बाहर निकाल देते हैं ।
गौर तलब है साइलो और सीएचपी से निकाले गए कामगारो की वापसी के लिए ऊर्जाधानी संगठन आंदोलन कर रही है । संगठन ने कोरोना महामारी के निर्देशो के कारण अनिश्चितकालीन साइलो बंदी के कार्यक्रम को डायवर्ट करते हुए तथा कोरोना की महामारी की गाइडलाइन को फॉलो करते हुए मुंह पर मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर 11 जनवरी को ग्राम झाबर के कॉलेज मैदान पर बैठकर शांतिपूर्ण एक दिवसीय उपवास एवं धरना प्रदर्शन किया गया था और घोषणा किया गया था कि 13 जनवरी को नागार्जुन कम्पनी के कार्यालय के समक्ष श्रमिक चौक में आमरण अनशन के साथ प्रदर्शन शुरू कर दिया गया था किंतु प्रशासन के आग्रह पर कोरोना महामारी के कारण अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया है ।
इससे पूर्व में साइलों के ठेका मजदूरों की बहाली के लिए एक माह पूर्व 3 घंटे तक साइलो व सीएचपी को बंद किया गया था तथा एसईसीएल प्रबंधन ठेका कंपनी नागार्जुन के अधिकारी ऊर्जाधानी भूविस्थापित संगठन के पदाधिकारी और ठेका मजदूरों के साथ मांगों को लेकर 15 दिवस के भीतर में बहाली करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी और एसईसीएल प्रबंधन के मौजूदगी में एसईसीएल ठेका कंपनी नागार्जुन ने लिखित आश्वासन दिया गया था लेकिन कुछ ही मजदूरों की बहाली किया गया और फिर से दोबारा आश्वासन देकर बाकी मजदूरों को 15 दिवस के भीतर में बहाल कर दिया जाएगा कह के एसईसीएल प्रबंधन और ठेका कंपनी नागार्जुन ने लिखित आश्वासन में कही गई थी लेकिन मांगों को पूरा नहीं किया गया जिसे लेकर ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति संगठन ने ठेका मजदूरों के साथ एसईसीएल प्रबंधन और ठेका कंपनी नागार्जुन ठेका कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है ।
संगठन के दीपका कार्यवाहक अध्यक्ष प्रकाश कोर्राम एवं कोरबा अध्यक्ष गजेंद्र ठाकर ने सयुंक्त रूप से कहा है कि ठेका कंपनी ने मजदूरों को काम से बाहर कर दिया है वही इसके आड़ में यहां के दलालनुमा लोग साइलो व सीएचपी में कार्यरत कामगारो को धमका रहे हैं । कोरोना महामारी के बीच नियोजित कामगारों की पेट मे लात मारा गया है काम से निकाल दिए जाने के कारण 9 – 10 सालो से इस जगह में कम से कम वेतन में सेवाएं देकर कोयला उद्योग से देश विकास के लिए अपना अमूल्य योगदान दे रहे मजदूरों का परिवार अब अपनी जीवन यापन कैसे करेगा ।
कम्पनी को चाहिए कि तय वेतन, और सुरक्षा सहित अन्य सुविधाएं दी जाए पर अब उनका रोजगार को ही छीना जा रहा है । इस पूरे षणयंत्र में क्षेत्र के दलाल सक्रिय हैं जिन्हें बक्शा नही जाएगा । आंदोलन स्थल में पुलिस प्रशासन के द्वारा धमकाने वाले व्यक्तियों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया गया था जिसके आधार पर आज दीपका थाने में उनके खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गयी है । कार्यवाही नही होने पर अपने आंदोलन के लिए मजबूरी में बाध्य होना पड़ेगा ।
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