जल-जंगल-जमीन की लड़ाई तेज करें
झारखंड/रांची (पब्लिक फोरम)। रांची में गत दिवस आदिवासी संघर्ष मोर्चा रांची जिला स्तरीय बैठक गई । बैठक का अध्यक्षमंडल में अलमा खलखो, मेवा उरांव, बिरसा उरांव, महाबीर मुंडा, जगरनाथ उरांव थे और संचालन जगरनाथ उरांव ने किया। सभा के मुख्य अतिथि आदिवासी संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक देवकीनंदन बेदिया थे। बैठक में बुढ़मू, मांडर, रातू, कांके, ओरमांझी, चानो, रांची सदर अन्य प्रखंडों के दर्जनों गांवों से शामिल हुए। सिकीदिरी व पंचपरगना से लोग भी उपस्थित रहे। बैठक में सर्वप्रथम आधार पत्र का वितरण व पाठ किया गया।
देवकीनंदन बेदिया ने आदिवासी संघर्ष मोर्चा के दिशा, दृष्टि व संघर्ष के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। तिलका मांझी से लेकर बिरसा मुंडा के उलगुलान तक जल-जंगल-जमीन की रक्षा से लेकर देश की आजादी तक के महान संग्रामों में कोई समझौता नहीं, सीधे-सीधे मेरा धरती-मेरा देश छोड़ो, इसके लिए हजारों हजार लोग सर्वस्व निछावर कर दिये। आज देश के 75 वर्ष बीतने जा रहा है । हमारी समस्या नये रुप से नई कंपनियां हमारी जल-जंगल-जमीन-खनिज को छीनने के लिए भाजपा की केंद्र सरकार नियम कानून बना कर ला रही है।
सुदामा खलखो, बिरसा उरांव, संदीप कुमार कश्चछप, दिगंबर मुंडा, बुद्धदेव केरकेट्टा, महावीर मुंडा, अन्य ने अपनी-अपनी बातों में कहा कि आदिवासियों की जंगल, जमीन पर दबंग ब्यक्तियों के द्वारा अबैध ढंग से कब्जा कर ली जा रही है। गांव के बिचौलियों के माध्यम से भू-माफिया के साथ मिली-भगत कर जमीन लुटने का काम कर रहे हैं। मसना-सरना की समुदायिक जमीनों को बिचौलियों के द्वारा खरीद-बिक्री किया जा रहा है। जिसके खिलाफ विचार-विमर्श कर संघर्ष करने का निर्णय लिया गया।
प्रशासनिक व सरकारी अधिकारियों के द्वारा भी आदिवासियों को भूमि संबंधी न्याय नहीं मिल रही है। अभी जमीनों का ऑनलाइन की बड़ी समस्या बनी हुई है। ऑनलाइन नहीं होने से जमीनों का रसीद नहीं काटा जा रहा है। जिससे जाति-निवास व अन्य दस्तावेजी कार्यों को संपन्न करने में समस्या पैदा हो रही है। बच्चों का भविष्य चौपट हो जा रहा है।
सरहूल पर्व में सांस्कृतिक गीत, नृत्य, नाटक, लघु भाषण कार्यक्रम प्रस्तुत करने पर भी चर्चा की गई।
जगरनाथ उरांव ने आदिवासियों को एकजुट करने के लिए गांव-गांव में बैठकें तेज करने पर बल देते हुए गांव पंचायत से आंदोलन की शुरुआत किये जाने पर जोर दिए।
बैठक के अंत में उन्होंने 22 सदस्यीय जिला स्तरीय एक एढ़क टीम का गठन किया गया, जिसमें-रिशा केरकेट्टा, बिरसा उरांव, अशोक कुजूर, बुद्धदेव उरांव, मेवा उरांव, लालो तिर्की, महादेव उरांव, सरजू उरांव, संदीप उरांव, महाबीर मुंडा (।) महावीर मुंडा (।।), पंकज तिग्गा, अल्मा खलखो, शनिचरवा मुंडा, बुदू उरांव, संदीप कुमार कश्चछप, दिगंबर मुंडा, जगरनाथ उरांव, जगदीश गंझू, सनी उरांव, सुधन मुंडा, सुदामा खलखो एवं इन्द्रनारायण मुंडा को लेकर बनाया गया।
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