आदिनिवासी गण परिषद ने मुआवजा व पुनर्वास की मांग की
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छत्तीसगढ़ : औद्योगिक जिला कोरबा की नगर पालिक निगम क्षेत्र के अंतर्गत सर्वमंगला पुलिस चौकी क्षेत्र से लेकर इमली छापर चौक तक फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य एसईसीएल कोल कंपनी तथा छत्तीसगढ़ सरकार के माध्यम से किया जा रहा है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरबा मे फोरलेन सड़क निर्माण का शिलान्यास भी किया था लेकिन सड़क निर्माण कार्य शुरू होने से पहले सड़क के किनारे बसे गरीबों को न तो कोई मुआवजा दिया जा रहा है और ना ही कोई पुनर्वास की कोई पहल ही की जा रही है।
कोरबा नगर पालिक निगम की तोड़क दस्ता ने पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में गरीबों को डरा धमका कर उनकी आशियानों को देखते ही देखते बेरहमी से उजाड़ डाला और लाचार, बेबस, गरीब लोग खून के आंसू बहाते हुए अपने एकमात्र आशियाने को निगम के हाथों बेरहमी से उजड़ते हुए देखते रहे। गौरतलब है कि इस कार्यवाही के दरमियान एसईसीएल प्रबंधन, निगम विभाग एवं पुलिस प्रशासन मौके पर तैनात रहे।
एसईसीएल की कुसमुंडा से लेकर कोरबा के मध्य सड़क का निर्माण होना बहुत जरूरी है लेकिन गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के इस महान संदेशप्रद नारे की कीमत इन गरीबों को कोरोना काल के बेरोजगारी की इस आपात काल में अपनी जमा पूंजी से बनाए हुए अपने आशियाने को उजाड़ कर इस तरह चुकाना पड़ेगा। उन्होंने इस बात को कभी सोचा भी नहीं था।
आदिनिवासी गण परिषद ने जिले में फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य शुरू होने के पहले प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा एवं तत्काल पुनर्वास प्रबंधन करने के लिए प्रशासन से मांग किया है।
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