रविवार, सितम्बर 8, 2024
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कुसमुंडा के आंदोलनरत भू-विस्थापितों को ऊर्जा धानी संगठन ने दिया समर्थन

कोरबा/कुसमुंडा (पब्लिक फोरम)। पिछले 25 दिनों से एसईसीएल कुसमुंडा मुख्य महाप्रबन्धक कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठे रोजगार एकता संगठन के भुविस्थापितों को आज ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने धरना स्थल में पहुंचकर समर्थन की घोषणा किया है ।

ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सन 1978 से 2004 के बीच कुसमुंडा क्षेत्र के लिए अर्जित जमीन के बदले दी जाने वाली रोजगार की लम्बित प्रकरणों का निराकरण नही किया जाना रोजगार के मौलिक अधिकार का हनन है । अपनी रोजगार की मांग करते करते आवेदनकर्ता अब बूढ़े हो चले हैं जो कि एसईसीएल और प्रशासन की उदासीनता का उदाहरण है । पिछले 25 दिनों से अपनी मांग को लेकर धरना में बैठे भुविस्थापित बेरोजगारों के साथ ऊर्जाधानी संगठन अपनी एकजुटता का इजहार करती है और मांग करती है कि जिला प्रशासन द्वारा जाँच कर जारी पात्र लोंगो की सूची के आधार पर तत्काल रोजगार प्रदान किया जाए ।

आंदोलनरत भुविस्थापितों के धरना स्थल में पहुंच कर ऊर्जाधानी संगठन के पदाधिकारी प्रताप सिंह कंवर बृजेश श्रीवास गजेंद्र सिंह ठाकुर कुलदीप सिंह राठौर ललित महिलांगे प्रकाश कोर्राम मुकेश यादव ललित कंवर योगेंद्र यादव सुदामा आदि ने समर्थन की घोषणा करते हुए सम्बोधित भी किया । जबकि रोजगार एकता संघ के प्रदर्शनकारी राधेश्याम कश्यप रेशम दामोदर मोहन अशोक केशव पांडे सहोरीक चंद्रशेखर बजरंग सोनी हरियल पटेल हरिशंकर मोहन यादव पंकज सनत अमरपाल दास दीपक धीमर एवं समस्त विस्थापित रोजगार दर्शन के पदाधिकारी उपस्थित थे ।

* हम सभी भुविस्थापित एक साथ मिलकर लड़ेंगे: कुलदीप

ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने कहा है कि भुविस्थापितों की रोजगार ,मुआवजा और बसाहट और इससे जुड़ी हुई सभी मांगो की लड़ाई लड़ रहे सभी संगठन मिलकर अपना अधिकार हासिल करेंगे । उन्होंने बताया कि लगभग 35 सालो पूर्व से रोजगार के आवेदन एसईसीएल।के आलमारियों में बंद है । बार बार केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है पर काम नही हो रहा है ।

उन्होंने बताया कि कुसमुंडा के पुराने रोजगार के मामले में जिसमे 12 गाँव दुरपा, जटराज, सोनपुरी , दुल्लापुर , खम्हरिया , बरपाली , गेवरा, बरमपुर , जरहाजेल , मनगांव, भैंसमाखार की जमीन 1978 से 2004 तक अर्जन के बदले 628 रोजगार के मामले लम्बित है । जिसे एसईसीएल प्रबंधन बार बार अलग अलग आंकड़े प्रस्तुत करते आई है । 2013 में 187 की लिस्ट जारी किया गया और 2016 में तत्कालीन प्रभारी मंत्री अमर अग्रवाल की उपस्थिति में आयोजित पुनर्वास समिति की बैठक में 41 लोंगो के प्रकरण मुख्यालय भेजने की जानकारी दी गयी किन्तु आज तक किसी को रोजगार नही मिला है । कुसमुंडा में पुराने मामलो के लिए चलाए जा रहे आंदोलन के साथ हम मिलकर लड़ेंगे और नये अर्जन के मामले को भी आपस मे मिलकर आगे की लड़ाई तेज किया जाएगा।

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