गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
होमरायपुरकिसान सभा ने प्रदेश में निकाले जुलूस, कहा: सब याद रखा जाएगा,...

किसान सभा ने प्रदेश में निकाले जुलूस, कहा: सब याद रखा जाएगा, समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनने तक जारी रहेगा संघर्ष

पब्लिक (पब्लिक फोरम)। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ किसान सभा द्वारा जगह-जगह ढोल-नगाड़ों के साथ विजय जुलूस निकाले जा रहे हैं। इन जुलूसों और सभाओं में मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों को शिकस्त देने के लिए सी-2 लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य की गारंटी देने का कानून बनने तथा बिजली कानून में संशोधन बिल को वापस लेने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया जा रहा है।

छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने बताया कि कोरबा, सूरजपुर, सरगुजा सहित प्रदेश के कई जिलों और कोनों-कस्बों में कानून वापसी की घोषणा की खबर फैलते ही स्वतःस्फूर्त ढंग से किसानों ने रैलियां निकालकर अपनी जीत पर खुशी का इजहार किया। 26 नवम्बर को इस देशव्यापी किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने जा रहे हैं और इस दिन पूरे प्रदेश में जोश-खरोश से प्रतिरोध रैलियां निकालकर इस आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिनकी कुर्बानियों से ही इस सरकार को अपने घुटने टेकने पड़े हैं।

किसान सभा नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार की दमनकारी चालों के बावजूद ‘किसानों की तपस्या’ ने इस आंदोलन को एक मुकाम तक पहुंचाया है। लेकिन इस सरकार के पास शहीद किसानों के प्रति संवेदना के दो शब्द भी नहीं है। इसी सरकार ने उनकी राह पर कीलें ठोंकी थी, उन पर गोलियां चलाई है, उन्हें कार से कुचलने का किया है और ‘आन्दोलनजीवी और राष्ट्रविरोधी’ कहकर उनका अपमान किया है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी को देश से माफी मांगने का कोई नैतिक हक नहीं है और सबसे पहले उन्हें इन सबके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन कुकृत्यों को हमेशा याद रखा जाएगा और शांतिपूर्ण और अहिंसात्मक आंदोलन के जरिये इसका जवाब आगे भी दिया।

किसान सभा नेताओं ने मांग की है कि केंद्र सरकार तुरंत आन्दोलनकारी संगठनों के साथ वार्ता शुरू करें, ताकि समर्थन मूल्य सहित अन्य मुद्दों को भी किसानों के हितों में सुलझाया जा सके।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments