छत्तीसगढ़: 22 अप्रैल 2021 भाकपा माले की स्थापना की 52 वीं वर्षगांठ है. इस अवसर पर भिलाई, कोरबा छत्तीसगढ़ मे भी अपने तमाम शहीदों और गुजर चुके नेताओं को अपनी सम्मान भरी श्रध्दांजलि अर्पित किया गया.भाकपा (माले) लिबरेशन की केन्द्रीय कमेटी द्वारा जारी आह्वान और संकल्प का पाठ किया गया. भाकपा (माले) ने कहा है कि यद्यपि सरकार कोविड से निपटने में नाकाम रही है, मगर इस संकट का इस्तेमाल बड़े आक्रमण ढंग से कारपोरेट शक्तियों को बढ़ावा देने और जनता के अधिकारों को छीन लेने के अवसर के बतौर कर रही है. खेती, खासकर कृषि बाज़ार और अधिकांश कृषि उत्पादों की लगाम को अडानी-अम्बानी (कंपनी राज) के हाथो सौंप देने के लिए नये कृषि कानून पारित कर लिए गए हैं.श्रम कानून को बदलकर लेबर कोड्स बना दिए गए हैं जिनसे मजदूरों के लिए काम की स्थितियां तथा काम एवं वेतन की शर्तें और बदतर हो जायेगी और मालिकों की शक्तियों में काफी इजाफा होगा.
इस अवसर पर भाकपा -माले लिबरेशन के राज्य सचिव बृजेंद्र तिवारी ने कहा है कि सरकार निजीकरण अभियान चलाकर सार्वजनिक क्षेत्र और सार्वजनिक संपदा को प्रणालीबद्ध ढंग से कमजोर कर रही है तथा रेलवे, हवाई अड्डों, बैंकों और इस्पात कारखानों समेत समूचे राष्ट्रीय अर्थतंत्र को चंद कारपोरेट घरानों को सौंप दिया जा रहा है.नई शिक्षा नीति में शिक्षा को और अधिक निजी हाथों में सौंपने, अधिक खर्चीला और डिजिटल बनाने की कोशिश की गई है. भाकपा माले ने" पीड़ित जनता की सेवा करो और लोकतंत्र व न्याय के
लिए जन- आंदोलन को शक्तिशाली करो” का संकल्प लिया है.
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