मंगलवार, दिसम्बर 3, 2024
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सरकार के कॉरपोरेट परस्त नीतियों को बदलना जरूरी: नंदी

जांजगीर-चांपा/सक्ती (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ किसान सभा के सल्हियांभाठा इकाई सम्मेलन का उदघाटन करते हुए संगठन के राज्य समिति सदस्य सुखरंजन नंदी ने मोदी सरकार की कार्पोरेट परस्त नीतियों को बदलने के लिए संघर्ष को तेज करने का आव्हान किया। उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों का विस्तार से चर्चा करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि केन्द्र की भाजपा सरकार कार्पोरेट घरानों के हितों में कार्य कर रही हैं। सरकार की नीतियों का ही दुष्परिणाम है कि देश में आर्थिक असमानता व बेरोजगारी में बेतहाशा बृद्धि हुई है।

किसान नेता ने मोदी सरकार की तीखी आलोचना करते हुये कहा कि चुनाव के पहले मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा किया था लेकिन सत्तासीन होने के बाद इस दिशा में कोई भी पहल सरकार ने नही किया हैं। तीन कृषि कानून के खिलाफ देश के किसान आंदोलन का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि किसानों की एकजुटता और प्रतिबद्धता के अनुशासित आंदोलन ने सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा हैं। उन्होंने किसानों से संगठन को मजबूत करने और संघर्ष को व्यापक करने का आव्हान किया।

सम्मेलन को किसान नेता टी.सी.सूरज,जिला अध्यक्ष आशाराम पटेल ने भी संबोधित किया ।
सम्मेलन में उपस्थित प्रतिनिधियों ने अभी तक संगठन के आंदोलन के अनुभवों को साझा करते हुए संघर्ष को तेज करने पर बल दिया।

सम्मेलन से 13 सदस्यीय ग्रामीण इकाई का गठन किया गया । जिसके अध्यक्ष बैगा राम, उपाध्यक्ष प्रेमा बाई, सचिव संतराम, सहसचिव दरश बाई चुनी गयी। सम्मेलन की अध्यक्षता बैगा राम, लाखन, रेवती बाई का तीन सदस्यीय अध्यक्ष मंडली ने किया।

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