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शनिवार, दिसम्बर 21, 2024
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समाजवाद या मौत: याद रखती है क्यूबा की जनता

क्यूबा जैसी एक छोटी सी देश अपनी जनता के स्वास्थ्य सेवा पर प्रति व्यक्ति 2475 डालर यानि भारतीय मुद्रा मे 1 लाख 84 हजार 360 रूपये प्रति वर्ष खर्च करती हैं।।वर्ष 2014 में क्यूबा की सरकार वहां के सकल घरेलू उत्पाद के 11%स्वास्थ्य पर खर्च करती थी।क्यूबा में प्रति 10 हजार नागरिकों पर 70 चिकित्सक हैं।

भारत की सरकार प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य मद पर महज 1,753 रूपये प्रति वर्ष खर्च करती हैं। हमारी सरकार सकल घरेलू उत्पाद के महज 1.35 % स्वास्थ्य मद पर व्यय करती हैं। प्रति 10 हजार नागरिकों पर सिर्फ 6 चिकित्सक ही हमारे देश में हैं।जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना हैं कि प्रति 10000 नागरिकों पर न्यूनतम 10 चिकित्सक होना आवश्यक हैं।

क्यूबा के सामुदायिक चिकित्सा केन्द्रों से औसतन 30 से 60 हजार लोगों को सेवाएं प्रदान किया जाता है । वहां की प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भी तीन मंजिला के भवन से संचालित होता है।

भारत के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक व अन्य सामग्रियों के अभाव के कारण ग्रामीण जनता को जिला चिकित्सालय या शहर के अन्य निजी चिकित्सालय पर इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

हमारे देश में स्वास्थ्य पर किए जा रहे कुल खर्च में सरकारी हिस्सेदारी करीब 40.8% हैं जबकि इसके विपरीत लोगों द्वारा अपनी जेब से इस पर 48.5% खर्च किया जा रहा है। सरकार प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति औसतन 4.8 रूपये खर्च करती हैं।

क्यूबा पर आर्थिक रूप से दुनिया के सबसे मजबूत देश अमरीका ने लंबे समय से आर्थिक नाकेबंदी किया हुआ हैं।अमरीका के तमाम हमलों का सामना कर क्यूबा ने दुनियां के सामने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र  में एक उदाहरण प्रस्तुत किया हैं।समाजवादी रास्ते पर अमल कर ही क्यूबा यह उपलब्धि हासिल करने में सफल हुआ हैं।आज क्यूबा में कोरोना का टीका करण 2 वर्ष के अधिक उम्र के करीब सभी नागरिकों के तीन खुराक देने का कार्य प्रगति पर हैं।

दुनियां के तमाम तथाकथित विकसित देशों की स्वास्थ्य व्यवस्था जब कोरोना महामारी के समय पूरी तरह से चरमरा गया था तब क्यूबा की स्वास्थ्य व्यवस्था सिर्फ उनके देश की जनता को ही हिफाजत नहीं किया हैं बल्कि वहां के चिकित्सकों की दलों ने इटली से लेकर अमरीका तक जनता की सेवा के लिए पहुंचे हुए थे।

कोरोना संक्रमण में अमरीका में 8.31लाख, भारत में 4.83 लाख, ब्रिटेन में1.49 लाख, इटली में 1.38 लाख, फ्रांस में1.27 लाख, जर्मनी में 1.18 लाख मरीजों की मौते हुई हैं। वही दूसरी तरफ क्यूबा में सिर्फ 8,324 मरीजों की मौते हुई हैं।

समाजवादी क्यूबा ने जनस्वास्थ को मूनाफा अर्जित करने का माध्यम नही बनने दिया गया। वहां की सरकार मुफ्त में सभी के लिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराता हैं। दूसरी तरफ पूंजीवादी देशों में स्वास्थ्य क्षेत्र को मुनाफाखोरी के लिए कार्पोरेट घरानों के हवाले छोड़ दिया जाता हैं।

समाजवादी क्यूबा को अस्थिर करने का प्रयास अमरीका लंबे समय से करते आ रहे हैं। आज भी जारी हैं, लेकिन क्यूबा की जनता का प्रतिरोध ही अमरीका के तमाम प्रयासो को असफल किया हैं।

फिदेल की यह घोषणा “समाजवाद या मृत्यु” क्यूबा की जनता याद रखे हुए हैं। -सुखरंजन नंदी

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