शनिवार, जुलाई 27, 2024
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शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव की शहादत दिवस पर किसान सभा और नौजवान सभा द्वारा शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

शहीद दिवस पर संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया किसान सभा और नौजवान सभा के कार्यकर्ताओं ने

28-29 मार्च की हड़ताल सफल बनाने किया गया आव्हान

कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ किसान सभा और जनवादी नौजवान सभा ने आज 23 मार्च को किसान आंदोलन, विस्थापन और रोजगार से जुड़ी मांगो को केंद्र में रखकर शहीदे ए आजम भगत सिंह,राजगुरु, सुखदेव की 91 वीं शहादत दिवस पर गंगानगर में श्रद्धांजलि सभा करके भगत सिंह,राजगुरु, सुखदेव के तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दिया गया और शहीद ए आजम भगत सिंह,राजगुरु, सुखदेव अमर रहे, शहीदों तेरे अरमानों को मंजिल तक पहुचायेंगे,शहीदों को लाल सलाम, साम्राज्यवाद मुर्दाबाद, समाजवाद जिंदाबाद,इंकलाब जिंदाबाद नारे लगाए गए। और मोदी सरकार के किसान मजदूर एवं जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने की भी अपील की है।
शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित किया गया सभा को किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा,दीपक साहू,सुराज सिंह कंवर, जय कौशिक,नंद लाल कंवर, नौजवान सभा के अभिजीत गुप्ता, जनरैल सिंह ने संबोधित किया।

किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू ने कहा कि भगत सिंह का जन्म 27 सितम्बर 1907को हुआ था और देश की आजादी के लिए 23वर्ष की उम्र में हंसते हंसते फांसी पर चढ गए। उनका सपना था कि भारत देश आजाद होगा तो सबको एक समान शिक्षा और सबको रोजगार की गारंटी मिलेगी,हर खेत में पानी पंहुचेगा और खुशहाली आएगी शोषण अन्याय मुक्त व बराबरी पर आधारित जिस आजाद भारत का सपना देखा था वह उनकी शहादत के इतने साल बाद भी अधूरा है
शहीद भगत सिंह के विचारों को जन जन तक लेजाकर जन आंदोलन के लिए प्रेरित करना होगा और भगत सिंह का सपना जन आंदोलन से ही पूरा हो सकता है

सभा को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि भगतसिंह हमारी आजादी के आंदोलन के एक प्रखर साम्राज्यवाद विरोधी प्रतीक है, जिन्होंने समानता पर आधारित एक शोषणमुक्त, समाजवादी समाज का सपना देखा था। इसके लिए उन्होंने देश की मेहनती जनता की एकता पर बल दिया था। लेकिन आज मोदी सरकार जिस तरह हमारी अर्थव्यवस्था को अमेरिका और कॉरपोरेटों के हाथों बेचने पर आमादा है जिससे हमारे देश की राजनैतिक-आर्थिक आज़ादी खतरे में है। जब तक मनुष्य द्वारा मनुष्य का शोषण जारी रहेगा हमारा संघर्ष भी जारी रहेगा हम ऐसी आजादी चाहते हैं जिसमें सत्ता मजदूर किसानों के हाथ मे हो। मजदूर-किसान एकता पर आधारित एक व्यापक जन आंदोलन ही भाजपा-आरएसएस की इस साजिश को मात दे सकता है।

किसान सभा नेताओं ने बताया कि 28-29 को देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में किसान नौजवान द्वारा सड़कों पर उतरकर व्यापक प्रचार अभियान चलाया जाएगा और 28 मार्च को कोरबा की मुख्य सड़कों को जाम किया जाएगा।

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