शनिवार, जुलाई 27, 2024
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रोजगार की मांग को लेकर 26 जनवरी को कुसमुंडा खदान बंद करेंगे भू विस्थापित

रोजगार की मांग पर भू विस्थापित किसानों का धरना 75 वें दिन भी जारी

कोरबा (पब्लिक फोरम)। कुसमुंडा क्षेत्र के भू विस्थापित किसान 31अक्टूबर को 12 घंटे कुसमुंडा खदान को पूर्ण रूप से बंद करने के बाद रोजगार की मांग को लेकर एसईसीएल के कुसमुंडा मुख्यालय के सामने 1 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के बेनर तले बरसात और भारी ठंड में भी 75 दिनों से जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर धरने पर बैठे है। 75 दिनों से चल रहे आंदोलन के दौरान भू विस्थापितों ने 2 बार खदान को 20 घंटे से भी ज्यादे समय तक बंद रखा और इस बीच आंदोलन कर रहे 16 लोगों को जेल भी भेजा गया लेकिन भू विस्थापित इस बार रोजगार मिलने तक संघर्ष जारी रखने की बात पर अड़े है।

भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के सचिव दामोदर ने कहा कि एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे पर अमल नहीं कर रहा है भू विस्थापित जमीन के बदले रोजगार मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे।

75 वें दिन चल रहे धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए माकपा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि पूरे देश मे आजादी के बाद से अब तक विकास परियोजना के नाम पर गरीबों को सपने दिखा कर करोड़ो लोगों को विस्थापित किया गया है और अपने पुनर्वास और रोजगार के लिए भू विस्थापित परिवार आज भी भटक रहे हैं। दमन के आगे संघर्ष तेज करने के संकल्प के साथ आंदोलन जारी है भू विस्थापितों का जमीन जिस समय अधिग्रहण किया गया उस समय जो पॉलिसी थी उस पॉलिसी के तहत ही किसान जमीन के बदले रोजगार की मांग कर रहे हैं एसईसीएल प्रबंधन ने जमीन अधिग्रहण के बाद भू विस्थापित किसानों को धोखा दिया है। सरकार को विस्थापितों को ऐसा जीवन प्रदान करना चाहिए जिससे उनको लगे की उन्होंने अपनी जमीन नहीं खोया है लेकिन सरकार गरीबों की जमीन लेकर गरीबों को जमीन पर लाकर खड़ा कर देती है। किसानों के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा एसईसीएल प्रबंधन और सरकार सभी भू विस्थापित परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करे। नहीं तो आंदोलन और तेज होगा।

रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम कश्यप ने कहा कि भू विस्थापित किसानों की मांग पूरी नहीं होने पर 26 जनवरी के दिन भू विस्थापित किसान कुसमुंडा खदान को पूर्ण रूप से बंद करेंगे।
भारी ठंड बारिश में भी भू विस्थापित 75 दिनों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए धरने पर बैठे हुए हैं।

आज धरना में प्रमुख रूप से प्रशांत झा,जवाहर सिंह कंवर,राधेश्याम कश्यप,जय कौशिक,दामोदर,दीपक साहू,बलराम कश्यप, मोहन कौशिक, दीनानाथ,संतानु, अभिषेक,अशोक मिश्रा, सोहरिक साहू, रेशम यादव, राजेश यादव, पुरषोत्तम, गणेश प्रभु, अनिरुद्ध,मिलान कौशिक,सनत कुमार,रघुनंदन यादव, हेमलाल,पंकज

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