एक हजार सालों तक भारत मुगलों व अँग्रेजों के अधीन रहा। मुगल, भारत को इस्लामिक देश नही बना सके। अँग्रेज,भारत को ईसाई देश नही बना पाये। यह भी सच है कि मुगलों के पहले और अँग्रेजों के बाद भारत हिन्दू देश नहीं था, नहीं है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहता है यह बात सार्वजनिक हो चुकी है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए देश में एक पार्टी और एक विचार धारा की सरकार का सम्पूर्ण भारत में शासन का होना आवश्यक है। इसके बिना “हिन्दू राष्ट्र” का उद्देश्य पूरा होना सँभव नही है।
ब्राह्मणवाद ने बहुत चालाकी से जातियों में बाँटकर बहुसंख्यक लोगों को जातियों में से बाहर निकलने का मार्ग तो बँद कर दिया, लेकिन हिन्दू धर्म मे बाँधकर रखने में सफलता पा ली है। इस प्रकार भारत के बहुसंख्यक समुदाय का मुखिया आज ब्राहम्णवाद बना बैठा है।
उत्तर प्रदेश में “हिन्दुईज्म” का सबसे सफलतम प्रयोग करने में “सँघ” उतीर्ण हो गया। भूख, दरिद्रता, जातिवाद, ऊँच-नीच, अशिक्षा और शोषण, अत्याचार पर धर्म, आस्था और भगवान के प्रसाद ने विजय प्राप्त की है।
जिस देश में “भूख और भोजन से ऊपर भगवान” की जीत होती है, उस देश को अनंत काल तक आराम से गुलाम बनाये रखा जा सकता है।
के.आर.शाह (संपादक: आदिवासी सत्ता)
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