रोजगार के अधिकार के लिए संघर्ष तेज करने का आह्वान
कोरबा (पब्लिक फोरम)। केंद्र और राज्य सरकारों की बेरोजगारी बढ़ाने वाली नीतियों के खिलाफ आज जनवादी नौजवान सभा ने मोदी सरकार का पुतला जलाया तथा उदारीकरण और निजीकरण की नीतियों की जबरदस्त खिलाफत की। जनवादी नौजवान सभा के बेरोजगारी के खिलाफ देशव्यापी आह्वान पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
नौजवान सभा के नेता पुरषोत्तम कंवर, हरीश कंवर, जय कौशिक, अनिल बिंझवार, रघु आदि के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में शामिल बेरोजगारों का कहना था कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की भूपेश सरकार दोनों बेरोजगारों की आशा-आकांक्षाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। भाजपा ने जहां दो करोड़ लोगों को हर साल काम देने की जुमलेबाजी की थी और अब सत्ता में आने के बाद इस देश की सार्वजनिक संपत्तियों को बेच-बेचकर रोजगार के अवसरों को खत्म कर रही है, उसी प्रकार राज्य की कांग्रेस सरकार भी बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने के अपने वायदे से मुकर गई गई और जल, जंगल, जमीन व खनिज को कॉरपोरेटों को सौंप रही है और भूविस्थापितों की समस्याओं की अनदेखी कर रही है।
नौजवान सभा नेताओं ने आरोप लगाया है कि एसईसीएल और कोल इंडिया की नीतियां इस क्षेत्र के रहवासियों, आदिवासियों और बेरोजगारों के खिलाफ है, जो मुनाफा कमाना तो जानती है, लेकिन अपने सामाजिक उत्तदायित्वों को पूरा करने से मुंह मोड़ रही है। इसलिए बड़ी संख्या में ग्रामीण और नौजवान अपने पुनर्वास और रोजगार के अधिकार को हासिल करने के लिए भटक रहे हैं। नौजवान सभा नेताओं ने एसईसीएल में आउट सोर्सिंग कंपनियों में 100% स्थानीय बेरोजगारों को काम देने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी व पूंजीपरस्त नीतियों का परिणाम है कि बेरोजगारी उच्चतम स्तर पर है और मजदूरों की छटनी की जा रही है। ऐसे हालात में युवाओं के पास एकता कायम करते हुए आंदोलन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में गांव-गांव में अभियान चलाकर बेरोजगारों को एकजुट करने का काम किया जाएगा।
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