मंगलवार, दिसम्बर 10, 2024
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बालको के राखड़ डैम की ऊंचाई व क्वालिटी की जांच के लिए कलेक्टर को लिखा पत्र

कोरबा : बालको के आसपास के क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों के लिए जानलेवा होते जा रहे भारत एल्युमिनियम कंपनी बालको (जो कि अब वेदांता के द्वारा संचालित है) के द्वारा बनाए गए राखड़ बांध की ऊंचाई और क्वालिटी की जांच किए जाने के संबंध में बालको निवासी शहजाद खान ने कलेक्टर कोरबा को पत्र लिखा है।

उन्होंने कहा है कि बालको प्रबंधन द्वारा राखड डैम की ऊंचाई दिन प्रतिदिन बढ़ाई जा रही है जो कि स्थानीय आम जन-जीवन के लिए अत्यंत खतरा बनता चला जा रहा है।

प्रत्येक फ्लोर का निर्माण निम्न स्तरीय गुणवत्ता के साथ किया गया है उसमें ना तो किसी प्रकार की मजबूती है ना ही उच्च दबाव सहने की शक्ति है।

डैम को पूर्ण रूप से सिर्फ और सिर्फ राखड़ के बांध बनाकर उसके ऊपर कुछ अंश मिट्टी के डाल दिए गए हैं एवं इसी प्रकार से डैम के एक के बाद एक सतह का निर्माण किया गया है।

जिससे कि वह डैम बीच-बीच में कई बार टूटता रहा है एवं स्थानीय जनजीवन को प्रभावित करते रहा है।

आज यथास्थिति ऐसी है कि डैम की ऊंचाई आवश्यकता से बहुत अधिक हो चुकी है तथा समीप बसे गांव एवं नगर उस डैम के पहली तल के बराबर भी नहीं इस स्थिति में आसपास निवासरत समस्त जन-जीवन बारिश के मौसम में उच्च दबाव पड़ने से पूर्ण रूप से समाप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी है। निवेदन है कि वनिम्नांकित बिंदुओं के आधार पर डैम के गुणवत्ता की जांच करवायें ।

1) दबाव सहने की शक्ति है या नहीं उसकी जांच करवाएं ।


2) डैम बनाने में उपयोग किए गए मटेरियल की जांच करवाएं।


3) डैम की ऊंचाई लगभग 6-7 तल पहुंच चुकी है। भारत सरकार से उसकी अनुमति संयंत्र प्रबंधन वेदांता के पास है या नहीं उसकी जांच करवाएं। नहीं पाए जाने पर ऊपर ही सतहों को तुड़वा कर डैम की हाइट कम करवाएं जिससे कि आम जन जीवन जीवन के ऊपर से मौत का खतरा कम हो।

4) दबाव सहने की शक्ति में कमी पाई जाने पर पूर्ण रूप से डैम को उपयोग ना करने हेतु आदेशित करें।


5) आसपास के गांवों व खेतों को भारी नुकसान इस डैम के निकलने वाली केमिकल एवं राखड से पहुंच रहा है जोकि समाज के लिए अत्यंत ही नुकसान कारक है।

अतः इस जानलेवा राखड़ बांध को आम जनजीवन आबादी के क्षेत्र से हटाकर सुरक्षित दूर निर्जन स्थान में स्थापित करवाया जाना ही श्रेयकर होगा।

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