कोरबा : विगत 8 जून को दीपका खदान में अपने 15 सूत्रीय मांगों के साथ ही क्षेत्रीय स्तर की समस्याओं को लेकर किये गए आंदोलन के बाद संगठन की ओर से एसईसीएल मुख्यालय स्तर के जिम्मेदार अधिकारियो को एक सप्ताह के भीतर बुलाकर वार्ता की मांग करते हुए घोषणा की गई थी कि इसके बाद अनिश्चितकालीन खदान बंद कर दिया जाएगा ।
दीपका क्षेत्र की समस्याओं पर एसडीएम कटघोरा द्वारा त्रिपक्षीय वार्ता में स्पष्ट कर दिया गया था कि जिन मांगो पर मुख्यालय स्तर के सक्षम अधिकारी कोई निर्णय ले सकते हैं उसके लिए प्रबंधन वार्ता का पहल करे और आवश्यक होने पर कलेक्टर को भी शामिल कराया जाए किन्तु क्षेत्रीय अधिकारियों के द्वारा इस दिशा में अब तक कार्यवाही नही किया जा सका है ।
सन्गठन के पदाधिकारियों ने कहा है कि एसईसीएल के क्षेत्रीय अधिकारी हर बातों पर मुख्यालय के अधिकारियों के ऊपर निर्भरता की बात कर अपना पल्ला झाड़ लेते है और समस्याओ का समाधान करने के बजाय विवाद कायम रखना चाहते हैं । इससे यह भी स्पष्ट होता है कि उनकी गलतियां उच्चाधिकारियो के सामने न आ जाये इसके लिए भी बचना चाह रहे हैं भले ही इससे आद्योगिक अशांति निर्मित हो जाये ।
ऊर्जाधानी सन्गठन ने 7 दिवसीय खदान बंदी आंदोलन की राह में बढ़ते हुए आगामी 1 जुलाई से दीपका और गेवरा की खदानों को बन्द करने का निर्णय लिया है इसकी तैयारी के लिए प्रभावित क्षेत्र के गांवों में हर घर से एक मुट्ठी चावल और 10 रुपया की सहयोग के साथ आंदोलन को कामयाब बनाने की अपील के साथ घरो में दस्तक दिया है ।
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