कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला स्थित भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड BALCO जो कि छत्तीसगढ़ के गठन काल में ही में स्टरलाइट के नाम से वेदांता समूह के द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया था।
बालको में वेदांता प्रबंधन के द्वारा बालको का अधिग्रहण काल से ही बालको के कर्मचारियों की छटनी, व्ही.आर.एस, डर, दबाव, एल.टी.एस, के नाम पर सेवाकाल में कटौती, दुर्व्यवहार, बुनियादी सुविधाओं में कटौती, श्रम कानूनों का उल्लंघन, औद्योगिक संबंध, कर्मचारी संबंध जैसे महत्वपूर्ण अधिनियमों की अवहेलना श्रमिक प्रताड़ना अब आम बात हो गई है और शासन प्रशासन को जानकारी दिए जाने के बावजूद वेदांता की श्रमिक विरोधी कार्यवाहियां निरंतर बेखौफ जारी है।
वेदांता प्रबंधन के इन श्रम विरोधी कार्रवाइयों पर सवाल उठाने वाले श्रमिक संगठन AICCTU के पदाधिकारियों पर झूठा और निराधार आरोप लगाकर उनको सेवा से पृथक्करण व निलंबन जैसे प्रताड़ना की कार्यवाही की जाती रही है।
बालको में कार्यरत श्रमिक संगठन एक्टू के पदाधिकारियों को गत ढ़ाई वर्षों से वेदांता प्रबंधन के द्वारा अनुचित व्यवहार की कार्यवाही करते हुए दुर्भावना पूर्वक निलंबित कर रखा गया है।
शासन प्रशासन से गुहार के बावजूद श्रम संगठन ऐक्टू के साथ बैठक कर आज पर्यंत कोई भी समाधान कारक चर्चा नहीं की जा रही है।
ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल आफ ट्रेड यूनियंस (AICCTU) से संबद्ध अल्युमिनियम कामगार संघ के महासचिव भूपेंद्र गोंड ने बताया कि गत दिवस दशहरा पर्व पर बालको के सभी नियमित कर्मचारियों को एक्स ग्रेशिया/बोनस का भुगतान किया गया लेकिन ऐक्टू के निलंबित श्रमिक प्रतिनिधियों को इस अधिकार से भी वंचित रखा गया।
इस दीपावली के महत्वपूर्ण त्योहार में भी बालको के स्टैंडिंग आर्डर के प्रावधान अनुसार 75 % वेतन देना तो दूर रहा। वेदांता प्रबंधन ने स्वयं के द्वारा निर्धारित 25 प्रतिशत गुजारा भत्ता देना भी मुनासिब नहीं समझा।
इस संबंध में संघ के अध्यक्ष के द्वारा बालको के HR (मानव संसाधन) विभाग के उच्चाधिकारियों से संपर्क साधा गया किंतु उन्होने फोन ही नहीं उठाया।
आखिरकार यूनियन अध्यक्ष ने जिला प्रशासन व सहायक श्रम आयुक्त कोरबा को फोन पर इस बात की जानकारी दी और उन्होंने इस संबंध में तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने संघ को आश्वासन दिया है।
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