शनिवार, जुलाई 27, 2024
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जिले में जीने का अधिकार और वेतन व रोजगार दोनों ही चाहिए: ऐक्टू

मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया ज्ञापन, आंदोलन तेज करने लिया गया निर्णय

कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा शहर के हृदय स्थल में स्थित, नया पावर हाउस के नाम से विख्यात कटघोरा रोड में स्थित पावर प्लांट, जिसका पूरा नाम छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड KTPS कोरबा (ईस्ट ) संयंत्र जो कि दिसंबर 2020 को बंद कर दिया गया। और इसके लिए सुनियोजित ढंग से वहां पर कार्य करने वाले अधिकारी व नियमित कर्मचारियों को आसपास के विद्युत संयंत्रों में नियोजन किया गया लेकिन वहां पर कार्यरत हजारों ठेका श्रमिक जो कि कई ठेकेदारों के ठेकों में संयंत्र के उत्पादन के अलग अलग हिस्सों में विगत कई वर्षों से काम करते आ रहे थे । उन्हें प्रवधानानुसार न तो कोई जानकारी ही प्रदान की गई और न ही कंपनी की ओर से उनका फाइनल सेटलमेंट ही किया गया। यहां तक कि उनका फाइनल पेमेंट भी नहीं किया गया है। संयंत्र से बाहर कर दिए गए हजारों श्रमिक नौकरी व रोजगार के अभाव में भयंकर आर्थिक बदहाली की स्थिति में जीने के लिए मजबूर हैं।

छत्तीसगढ़ पॉवर वर्कर्स यूनियन ऐक्टू के तत्वाधान में आईटीआई तानसेन चौक कोरबा में आयोजित एक दिवसीय धरना कार्यक्रम को समर्थन करते हुए आदिनिवासी गण परिषद, भाकपा (माले) लिबरेशन तथा ऐक्टू जिला समिति ने संयुक्त रूप से मुख्य मंत्री के नाम जिला प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार श्री सुरेश साहू ने स्वयं धरना स्थल पहुंचकर श्रमिक प्रतिनिधियों से ज्ञापन लिया।

उक्त अवसर पर धरना सभा को संबोधित करते हुए ऐक्टू राज्य समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष बीएल नेताम ने जिले के भू-विस्थापित, आदिवासियों, किसानों व श्रमिकों के बुनियादी अधिकारों के ऊपर तेज होते हमलों पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि जिले के सांसद एवं विधायक के देखरेख में और उनकी सहमति से छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा जिले के एक महत्वपूर्ण पॉवर प्लांट को बंद करवा देना और उस संयंत्र में कार्यरत हजारों श्रमिकों को बिना कोई वैकल्पिक रोजगार नियोजन के, बिना कोई फाईनल पेमेंट के सयंत्र से बाहर करवा देना बेहद अन्यायपूर्ण, शर्मनाक एवं अदूरदर्शी कदम है।

प्रदेश में कांग्रेस सरकार के द्वारा 2019 में बनाए गए औद्योगिक नीतियों का अनुपालन बिल्कुल नहीं हो रहा है। प्रदेश के उद्योगों में स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता ना दे कर बाहरी भर्तियों को अपने राजनैतिक लाभ के लिए बढ़ावा देना छत्तीसगढ़ के सत्ताधारी पार्टियों के लिए एक राजनीतिक व्यापार बन चुका है। यह खेल अगर ऐसे ही चलता रहा तो वह दिन दूर नही हर एक छत्तीसगढ़िया युवा बेरोजगार आंदोलन के लिए सड़कों पर खड़ा होगा। उन्होंने दो टूक कहा कि अगर छत्तीसगढ़ में जीने का अधिकार नहीं होगा और लोकल को रोजगार नहीं होगा तो छत्तीसगढ़ में रोजगार विहीन व्यापार भी नहीं होगा और तो और कोई भी स्थायी सरकार भी नहीं होगा। अगर हालात नहीं सुधरे तो हम अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।

श्रमिकों के धरना आंदोलन को समर्थन करते हुए छत्तीसगढ़ जनचेतना कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष बसंत कुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास, रोजी-रोटी और रोजगार के सवाल पर अब किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हम संयुक्त संघर्षों को और मजबूत बनाएंगे।
सभा में रामजी शर्मा, भूपेंद्र गोंड, शिव कुमार यादव, डीकेश्वर प्रसाद देवांगन, पूरन दास बघेल, देवनारायण सिंह कंवर, मोहन चौहान, रवि कुमार यादव, चंद्रशेखर पटेल आदि वक्ताओं ने भी अपनी बात रखी।

छत्तीसगढ़ पावर वर्कर्स यूनियन के तत्वाधान में आयोजित धरना सभा में प्रमुख रूप से अशोक सिंह, कमल सिंह पोर्ते, अजय कुमार कुमार, बुधवार सिंह रामायण सिंह कंवर, शिवनारायण निर्मलकर, कुशल दास, मुन्ना दास, रवि कुमार यादव, मोहन चौहान,इतवार दास, गोपाल सिंह, रामप्रसाद, टिकेश्वर यादव, इंद्रपाल कुमार, धनमोहन सिंह, जयप्रकाश, सुनील कुमार साहू, गोपाल सिंह, इंद्रपाल अमर सिंह मालीग्राम, मुन्ना राम धनूहार, मनोज राजवाड़े, मिथुन सिंह, धनमोहन सिंह, उजियार सिंह, अनिल यादव, कुशल दास, भोला शंकर, सीता राम चंद्रा, कार्तिक यादव, आशुतोष राकेश, आदि साथियों सहित भारी संख्या में संगठन के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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