शनिवार, जुलाई 27, 2024
होमआसपास-प्रदेशआदिवासियों को समुचित मुआवजा, पुनर्वास, रोजगार, विकास व संरक्षण की गारंटी करे...

आदिवासियों को समुचित मुआवजा, पुनर्वास, रोजगार, विकास व संरक्षण की गारंटी करे सी.सी.एल. एवं सरकार

आदिवासी एवं समुदायिक जमीनों को निजीकरण करना बंद करो और आदिवासियों की भू-वापसी आदेश की जमीनों को तत्काल दखल दहानी दिलाओ

हजारीबाग (पब्लिक फोरम)। आदिवासी संघर्ष मोर्चा रामगढ़ हजारीबाग जिला की संयुक्त कार्यकर्ताओं की बैठक अरगड्डा चपरी मोड में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कुलदीप बेदिया, सोहराय किस्कू, नरेश बडाईक और लाली बेदिया ने किया। आदिवासी संघर्ष मोर्चा, झारखंड के राज्य संयोजक जगरनाथ उरांव ने कहा कि आदिवासी संघर्ष मोर्चा का जन्म लिए मात्र 4 महीने ही हुआ है। झारखंड के आदिवासियों की समस्याओं को लेकर आगामी 24 मार्च 2022 को राजभवन रांची के समक्ष आदिवासी संघर्ष मोर्चा का जन कन्वेंशन आयोजित की गई है जिसमें हजारों आदिवासी शामिल होकर झारखंड के आदिवासी अपनी समस्याओं से संबंधित बातों एवं उसके आधारित आगामी आंदोलनात्मक कार्यक्रम ली जाएगी।

स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के साथ झारखंड में महाजन सूदखोरों के खिलाफ, देश की आजादी के साथ झारखंड में आदिवासियों की जल, जंगल, जमीन की रक्षा के अधिकार एवं धर्म, संस्कृति, परंपरा, स्वशासन व अपने पहचान को बनाए रखने के लिए निरंतर अंग्रेजो के खिलाफ समझौताहीन संघर्ष चलाते हुए कुर्बानी देने का इतिहास हैं। महापुरुषों के संघर्षों को आदिवासी संघर्ष मोर्चा आगे बढाएगी।

आदिवासी संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक देवकीनंदन बेदिया ने बताया कि आज देश में फासीवादी सरकार की चौतरफा रूप से हमला चला रही है। जिसका सबसे अधिक मार आदिवासियों की जल,जंगल, जमीन के ऊपर पड़ रही है। फासीवादी सरकार आदिवासियों की सारे अधिकार जल, जंगल, जमीन, खनिज आदि सब कारपोरेट कंपनियों के हाथों देने का काम कर रही है। इसलिए सरकार के तमाम जनविरोधी नीतियों को विरोध करते हुए आदिवासियों की जल, जंगल, जमीन एवं सामुदायिक जमीनों का निजीकरण करने पर रोक लगाने की मांग करती है एवं तमाम जमीनों को सरकार ऑनलाइन कराने तथा रशीद निर्गत करने की गारंटी करें।

बेदिया विकास परिषद् के सुभाष बेदिया ने कहा कि अरगड्डा खुली खदान में सीसीएल 577 एकड़ जमीन अधिग्रहण की है जिसमें बेदिया जनजाति समुदाय के 95 % जमीन चली गई है। सरकार और सीसीएल को चाहिए कि आदिवासियों की समुचित पुनर्वास, मुआवजा, रोजगार, विकास एवं संरक्षण की गारंटी करें तथा चपरी गांव के गैरमजरुआ जमीनों की गलत तरीके से बाहरी लोगों के द्वारा बनाई गई फर्जी दस्तावेज को ग्रामीणों की ओर से दिए गए आवेदन के आलोक में तत्काल रद्द करने की मांग करते हैं।

बैठक में धनेलाल बेदिया, सरयू बेदिया, मनाराम मांझी, बृजनारायण मुंडा, देवकी बेदिया, तृतियाल बेदिया, लालकुमार बेदिया, लक्ष्मण बेदिया, प्यारेलाल बेदिया, सूरज बेदिया, योगेंद्र बेदिया, लालचंद बेदिया, रामवृक्ष बेदिया, छोटेलाल करमाली, ललकू करमाली, अनोज बेदिया, रामा बेदिया, चरकू सोरेन, सोहन बेदिया, नागेश्वर मुंडा, कामेश्वर बेदिया, शिवनारायण बेदिया, राजेश बेदिया, करमा मांझी, रामसिंह मांझी, बाबुलाल बेदिया, छोटन मुंडा, मंगरा मुंडा, गणेश करमाली, कजरु करमाली, लालदेव करमाली, जिरवा बेदिया, रुपन गोप, रस्का हेम्ब्रम, भुनेश्वर बेदिया, छोटेलाल दास और बिजून सिंह सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments